दिल्ली यातायात पुलिस ने जाम से मुक्ति दिलाने और ट्रैफिक के सुचारु संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई है। इस एसओपी से लोगों को काफी राहत मिल रही है। इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दिल्ली यातायात पुलिस के सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वहीं दिल्ली यातायात पुलिस के वर्ष 2023 के आंकड़ों से पता लगता है कि दिल्ली में लोग हेल्पलाइन पर जाम की सबसे ज्यादा शिकायत करते हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस की सालाना रिपोर्ट में ये बातें सामने आई हैं कि दिल्ली यातायात पुलिस यातायात के सुचारु प्रबंधन के लिए सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म का उपयोग कर रही है। बड़ी आबादी व उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों, असमान यातायात मात्रा गणना (टीवीसी), सड़कों की क्षमता से परे यात्री कार इकाइयों (पीसीयू) का होना, अनुचित उपयोगकर्ता व्यवहार, रोडरेज और यातायात कानूनों के प्रवर्तन में कमी की वजह से दिल्ली में यातायात प्रबंधन चुनौतीपूर्ण है।
दिल्ली की सड़कों को अक्सर विभिन्न कारणों जैसे वाहन खराब होने, सिग्नल की विफलता, सड़क दुर्घटनाओं के कारण यातायात की भीड़ का सामना करना पड़ता है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को काफी असुविधा होती है और ट्रैफिक जाम होता है।
दिल्ली यातायात पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त सुरेंद सिंह यादव ने बताया कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्रैफिक जाम, घटनाओं का पता लगाने और उन्हें कम करने के लिए एक व्यापक प्रणाली व मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाई हुई है। इस एसओपी से काफी राहत मिली है।
यातायात को व्यवस्थित करना लक्ष्य
यातायात के सुचारु प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख चौराहों, प्रमुख यात्रा गलियारों आदि पर कर्मचारियों की नियमित तैनाती।
प्रमुख सीमा प्रवेश बिंदुओं से गैर-गंतव्य माल वाहनों की वापसी।
वन-वे यातायात योजनाओं की शुरुआत। बाधा उत्पन्न करने वाले वाहनों, खराब वाहनों को हटाने के लिए क्रेन की तैनाती।
स्थानीय पुलिस और स्थानीय निकायों/नागरिक एजेंसियों की सहायता से अतिक्रमण/भीड़भाड़ हटाने का अभियान शुरू करना।
यातायात अवरोध को हटाने के लिए प्रमुख यात्रा गलियारे पर मोटर साइकिल गश्त।
यातायात अवरोध, भीड़भाड़, मार्ग परिवर्तन आदि के संबंध में आम जनता को सूचना प्रसारित करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म का उपयोग।
यातायात अवरोध, भीड़भाड़ की पहचान करने और संबंधित फील्ड स्टाफ द्वारा उन्हें तुरंत हटाने के लिए मानचित्र सेवाओं का उपयोग।
कार्रवाई
वाहनों की अनुचित, अवरोधक पार्किंग को हटाना। वैध पीयूसीसी के बिना चल रहे वाहनों पर कार्रवाई। 10-15 साल पुराने डीजल/पेट्रोल वाहनों की जब्ती। यातायात के प्रवाह के खिलाफ ड्राइविंग।
प्रतिबंध समय का उल्लंघन (माल वाहन)। उचित कवर के बिना निर्माण और अन्य संबंधित सामग्री ले जाना। निर्धारित व उचित लेन में वाहन नहीं चलाना।
आधुनिकीकरण के प्रयास
यातायात जंक्शन पर यातायात अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए 43 जंक्शन पर रेड लाइट उल्लंघन का पता लगाने वाले कैमरे लगाए गए। 57 और यातायात जंक्शन पर आरएलवीडी कैमरे लगाए जा रहे हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आईटीएमएस के लिए परियोजना तैयार की है, जिसे गृहमंत्रालय द्वारा सैद्धांतिक रूप में अनुमोदित किया गया है। आईटीएमएस परियोजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी आधारित यातायात समाधान और प्रवर्तन का उपयोग करके दिल्ली की सड़कों पर गतिशीलता, अनुशासन और सड़क सुरक्षा में सुधार करना है। इस परियोजना से जीआईएस मैप-आधारित मॉडलिंग का उपयोग करके वास्तविक समय में योग्य सुझावों के आधार पर सिग्नल की समय सीमा को सुधारना है।
दिल्ली यातायात पुलिस द्वारा यातायात प्रवाह की निगरानी करने और वाहन खराब, दुर्घटनाओं या सिग्नल विफलताओं जैसी घटनाओं का तुरंत पता लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरों और यातायात प्रबंधन केंद्रों सहित उच्च यातायात निगरानी प्रणालियां अपनाई जाती हैं।