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एनबीसीसी सुपरटेक लिमिटेड की 16 रुकी हुई परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए तैयार

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एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड, एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम, विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को क्रियान्वित करके राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहा है।

आम्रपाली समूह की परियोजनाओं में एनबीसीसी का उत्कृष्ट योगदान


नई दिल्ली : (संचारटाइम्स.न्यूज)

एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने अपनी एक पहल के माध्यम से संकटग्रस्त परिसंपत्तियों वाली परियोजनाओं को सफलता के साथ क्रियान्वित किया है। विशेष रूप से, जब आम्रपाली समूह की परियोजनाएँ अधूरी और संकटग्रस्त हो गईं, तो एनबीसीसी को इन परियोजनाओं का क्रियान्वयन सौंपा गया। कंपनी ने अपने ऊपर किए गए भरोसे पर खरा उतरते हुए इन परियोजनाओं को पूरा करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। यह उपलब्धि माननीय सर्वोच्च न्यायालय, घर खरीदने वालों, विभिन्न बैंकों, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, और अन्य हितधारकों के समर्थन और सहयोग के कारण संभव हो पाई।

एनबीसीसी की परियोजना प्रबंधन क्षमता और समर्पण

एनबीसीसी ने अपने उत्कृष्ट परियोजना प्रबंधन कौशल और समर्पित प्रयासों के जरिए आम्रपाली परियोजनाओं के तहत लगभग 24,000 आवासीय इकाइयों को पूरा किया है। कंपनी ने हमेशा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण और क्रियान्वयन में देश के समग्र विकास में योगदान देने की प्रतिबद्धता दिखाई है। एनबीसीसी का उद्देश्य सभी के लिए आवास जैसी सरकारी पहलों को आगे बढ़ाना है, जिससे लाखों नागरिकों को अपने घर का सपना पूरा करने में मदद मिल सके। इसके साथ ही, यह कंपनी भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा परिकल्पित विकसित भारत@2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी उत्सुक है।

सुपरटेक लिमिटेड की परियोजनाओं में एनबीसीसी की नई भूमिका

हाल ही में, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, एनबीसीसी को माननीय राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) द्वारा सुपरटेक लिमिटेड की रुकी हुई परियोजनाओं के लिए परियोजना प्रबंधन परामर्शी (PMC) के रूप में नियुक्त किया गया। 12 दिसंबर, 2024 को जारी एक आदेश के माध्यम से, एनसीएलएटी ने एनबीसीसी को चार राज्यों – उत्तर प्रदेश (12 परियोजनाएँ), उत्तराखंड (1 परियोजना), हरियाणा (2 परियोजनाएँ), और कर्नाटक (1 परियोजना) में कुल 16 रुकी हुई परियोजनाओं के लिए पीएमसी के रूप में काम करने की अनुमति दी। यह असाइनमेंट एनबीसीसी के नेतृत्व में पूरे देश में बुनियादी ढांचा समाधान प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

एनबीसीसी का पीएमसी के रूप में योगदान और वित्तीय दायित्वों का पालन

इन 16 सुपरटेक परियोजनाओं में लगभग 50,000 आवासीय इकाइयां शामिल हैं, जिनकी अनुमानित निर्माण लागत ₹9,445 करोड़ है, जिसमें वैधानिक शुल्क, अन्य शुल्क और आकस्मिकताएँ भी शामिल हैं। एनबीसीसी इन परियोजनाओं को बिना किसी वित्तीय दायित्व के पीएमसी के रूप में पूरा करने की जिम्मेदारी लेगी, जो कंपनी की वित्तीय समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस पहल के अंतर्गत, कंपनी गुणवत्ता और स्थिरता के अपने मानकों को बनाए रखते हुए तीन वर्षों के भीतर परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। एनबीसीसी को 8% परियोजना प्रबंधन परामर्शी शुल्क प्राप्त होगा, जिसमें 1% विपणन शुल्क भी शामिल है, जो परियोजनाओं की प्रभावी प्रबंधन और प्रचार में कंपनी की भूमिका को रेखांकित करता है।

घर खरीदारों के सपनों को साकार करने में एनबीसीसी की भूमिका

यह ऐतिहासिक पहल उन हजारों घर खरीदारों की लंबित शिकायतों को दूर करेगी जो वर्षों से अपने सपनों के घर का इंतजार कर रहे थे। एनबीसीसी की यह पहल न केवल राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का समर्थन करती है, बल्कि ग्राहकों के विश्वास को भी मजबूत करती है। इस परियोजना के माध्यम से, एनबीसीसी एक बार फिर अपने नेतृत्व और प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहा है, जो भारतीय नागरिकों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में काम करता है।


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