गोड्डा। जिले के देवडांड़ थाना क्षेत्र के बांझी गांव के रहने वाले मोहम्मद हसीब अंसारी ने पोड़ैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जीएनएम पर इलाज के नाम पर जबरन उगाही का आरोप लगाया है। मो. हबीब अंसारी का कहना है कि उनकी गर्भवती पुत्रवधू के पेट में पल रहे शिशु को खराब बताकर जीएनएम ने वाॅश करने के नाम पर उनसे 7000 रुपये लिए।
इसकी शिकायत उन्होंने गोड्डा के सिविल सर्जन डा. अनंत कुमार झा से की है। सिविल सर्जन को आवेदन के माध्यम से बताया है कि वह बीते 28 अगस्त को गर्भवती पुत्रवधू को लेकर रुटीन चेकअप के लिए पोड़ैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गए थे। वहां डाॅक्टर ने कुछ दवाइयां और जांच लिखी। दवा लेकर दोनों घर आ गए।
तीन सितंबर को घर में कामकाज के दौरान भारी सामान उठाने के कारण महिला को ब्लीडिंग हुई। वह पुनः उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। वहां जीएनएम गंगोत्री कुमारी ड्यूटी पर थी। उसे समस्या से अवगत कराया गया। उसने रोगी पर्ची नहीं बनाया।
बस रजिस्टर में पुत्रवधू का नाम दर्ज कराया और सीधे अंदर जांच के लिए लेकर चली गई। जांच के बाद उसने कहा कि उसका बच्चा खराब हो गया है, वाॅश करना पड़ेगा। इसके लिए 10 से 12 हजार रुपये फीस लगेगा।
ससुर और पुत्रवधू ने जीएनएम से अनुनय विनय किया। अंत में सात हजार रुपये भुगतान के बाद जीएनएम ने महिला का कथित रूप से वाॅश किया। इलाज के बाद चार सितंबर को महिला को फिर पेट में दर्द होने लगा। पुनः उसने अपना चेकअप कराया। गोड्डा के निदान पैथोलाजी में बीते छह सितंबर को अल्ट्रासाउंड कराने के बाद सच का खुलासा हुआ। पैथोलाॅजी में स्टाफ और डाॅक्टर बोले कि आपकी पुत्रवधू का बच्चा बिल्कुल सही सलामत है। वह अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट लेकर फिर जीएनएम गंगोत्री से मिले।
पूछा कि आपने 7000 रुपये किस बात के लिए। कौन सा वाॅश किया। बच्चा सही सलामत है। जीएनएम बोली कि बच्चा खराब हो गया है। मो. हबीब अंसारी ने उससे 7000 रुपये वापस करने की मांग की। इस पर गंगोत्री नहीं मानी। कहा कि जहां शिकायत करनी है करो, मेरा कुछ नहीं होगा। तुम्हारे पास क्या सबूत है कि तुम्हारी बहू का वाॅश मैंने किया है। क्या सबूत है कि तुमने 7000 रुपये दिए है।
पीड़िता के ससुर ने आवेदन की प्रति पोड़ैयाहाट की चिकित्सा प्रभारी सहित उपायुक्त और स्थानीय विधायक प्रदीप यादव को दी है। आवेदन सौंप कर रुपये वापस करने और दोषी जीएनएम के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई है। इधर आरोपित जीएनएम से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला।