झारखंड में पिछले 68 महीने में 671 नक्सल घटनाएं हुई हैं. इन नक्सल घटनाओं में नक्सलियों से ज्यादा आम लोग मारे गये हैं. जनवरी 2018 से लेकर अगस्त 2023 तक नक्सलियों ने 125 आम लोगों की हत्या कर दी. वहीं नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे हैं अभियान के दौरान हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 92 नक्सलियों को मार गिराया है. दूसरी ओर इस मुठभेड में 36 जवान भी शहीद हुए हैं.
झारखंड में साल 2022 की तुलना में साल 2023 में नक्सल घटनाएं ज्यादा हुई हैं. साल 2022 में जहां 90 नक्सल घटनाएं हुई, वहीं साल 2023 के अगस्त महीने तक 97 नक्सल घटनाएं हो गयी. जबकि 2018 में 118, 2019 में 134, 2020 में 126 और 2021 में 106 नक्सल घटनाएं हुई हैं. साल 2023 में नक्सलियों ने आगजनी की 24 और आईईडी ब्लास्ट की 19 घटनाओं को अंजाम दिया है. इसके अलावा नक्सलियों ने 33 लोगों से लेवी की मांग की है.
पिछले 68 महीने की बात की जाये तो नक्सलियों द्वारा सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए लगाये गये 1555 आईईडी बरामद किये गये हैं. जबकि नक्सलियों के पास से 337 हथियार बरामद किये गये हैं. राज्य के अलग-अलग जिलों की पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 2500 नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया है.
राज्य के 16 जिले माओवाद प्रभाव वाले है. इनमें रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं आठ अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल है.