crossorigin="anonymous"> प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र का प्रधानमंत्री ने हाल ही में किया है उद्घाटन - Sanchar Times

प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र का प्रधानमंत्री ने हाल ही में किया है उद्घाटन

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2700 करोड़ का है भारत मंडपम, मातृभाषा और प्रौद्योगिकी का है संगम


विकसित होने के लिए बड़ी सोच होना बेहद अहम है। बड़े लक्ष्य हासिल करना भी जरुरी है। इसके लिए जरुरी है कि थिंक बिग, ड्रीम बिग, एक्ट बिग के सिद्धांत पर काम करते हुए भारत तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच ये है कि देश या समाज टुकड़ों में सोचकर या टुकड़ों में काम करता है, तो वो आगे नहीं बढ़ सकता, विकास नहीं कर सकता है। इसी का नतीजा है कि भारत मंडपम के जरिए भी केंद्र सरकार हॉलिस्टिक तरीके से दूरदर्शी सोच के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार की सोच है कि देश विदेश की बड़ी कंपनियां भारत आएं। देश में अब 160 से ज्यादा देशों को ई-कांफ्ररेंस वीजा की सुविधा भी केंद्र सरकार के सकारात्मक प्रयासों की बदौलत मिल रही है।

इसी बीच केंद्र सरकार के प्रयासों की बदौलत दिल्ली को एक आधुनिक और भविष्यवादी इंटरनेशनल प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र मिला है। ये केंद्र भारत में सम्मेलन पर्यटन को बढ़ावा देने में मददगार सिद्ध होगा। सेंटर के जरिए देश को आर्थिक और पर्यटन संबंधी लाभ पहुंचेगा। इस सेंटर की मदद से देश और दुनिया के कई बड़े और दिग्गज एग्जीबिटर्स को भी मौका मिलेगा। वहीं ये देश के शानदार स्टार्टअप्स को प्रदर्शित करने का भी जरिया बनेगा।

इसके उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘भारत मंडपम’ भारत के सामर्थ्य का आह्वान है। ये भारत की नई ऊर्जा का आह्वान है। ‘भारत मंडपम’ भारत की भव्यता और इच्छा शक्ति का दर्शन है। एक तरफ जहां कोरोना वायरस संक्रमण काल के दौरान हर तरफ काम रुका हुआ था। वहीं दूसरी तरफ भारत के श्रमजीवियों ने दिन-रात मेहनत कर इस ‘भारत मंडपम’ के निर्माण कार्य को पूरा किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए आईटीपीओ इंटरनेशनल एग्जीबिशन कम कन्वेंशन सेंटर में पूजा की थी। उन्होंने सेंटर का निर्माण करने वाले श्रमिकों का सम्मान भी किया था। उन्होंने कहा कि हम समर्थ भारत विकसित भारत का सपना लेकर निकल पड़े हैं। हमें भारत को वो ऊंचाई देनी है, उस सफलता पर पहुंचाना है, जिसका सपना हर स्वतंत्रता सेनानी ने देखा था।” बता दें कि ‘भारत मंडपम’ नाम के पीछे भगवान बशवेश्वर के ‘अनुभव मंडपम’ की प्रेरणा है। अनुभव मंडपम यानि वाद और संवाद की लोकतांत्रिक पद्धति, अनुभव मंडपम यानि अभिव्यक्तति और अभिमत।

इस कन्वेंशन सेंटर में कई तरह की विशेषताएं हैं। ये कन्वेंशन सेंटर आम सेंटर की तरह नहीं है बल्कि ये नव निर्माण का क्रांति का रूप है, जिसका निर्माण दिल्ली में हुआ है। ये विकसित भारत का सपना है, जिसे लेकर आगे बढ़ा जा रहा है।

ये हैं खासियत

  • भारत में सम्मेलन के लिए सबसे विशालम स्थानों में शुमार है। विश्व के 10 विशालतम प्रदर्शनी एवं सम्मेलन क्लस्टर में से ये मंडपम भी एक है।
  • ये मंडपम विशाल कवर क्षेत्र के साथ है, जिसमें 1.5 लाख वर्गमीटर का क्षेत्र शामिल है।
  • इसमें 7000 लोगों की सामूहिक क्षमता वाला प्लेनरी सुसज्जित बहुउद्देशीय हॉल है। ये हॉल ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित ओपेरा हाउस से भी अधिक लोगों के बैठने की सुविधा देता है।
  • ये इमारत दिव्यांगों एवं वरिष्ठ नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखकर निर्मित हुई है।
  • मंडपम में तीव्र 5G इंटरनेट एवं 10G इंट्रानेट बैंडविथ की सुविधा उपलब्ध है।
  • एक भारत- श्रेष्ठ भारत की भावना वाली देश की बेहतरीन कलाकृतियों और चुनिंदा सामग्रियों को मंडपम में शामिल किया गया है।
  • इस मंडपम में 5,500 से भी ज्यादा वाहनो के पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
  • यहां 7 नए बेहतरीन प्रदर्शनी हॉल एवं 3 भव्य खुले क्षेत्र की एम्फफिथिएटर बनाए गए है।
  • ये बेहतरीन सड़क सुविधा और फाइव स्टार होटल से भी बेहद पास है, ताकि इंवेस्टर्स कन्वेंशन सेंटर में आसानी से आवाजाही कर सकें।
  • मंडपम में 24×7 निगरानी के लिए एकीकृत कमांड एवं कंट्रोल रूम बनाया गया है।

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