crossorigin="anonymous"> प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाए प्रभावी कदम - Sanchar Times

प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने उठाए प्रभावी कदम

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नई दिल्ली। राजधानी के लोगों को दमघोंटू प्रदूषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को 15 सूत्री विंटर एक्शन प्लान जारी कर दिया। उन्होंने दावा किया है कि वह सर्दी के मौसम में इस प्लान को सख्ती से लागू करेंगे। उनका यह भी कहना था कि दिल्लीवालों की मेहनत के चलते बीते सालों में दिल्ली में प्रदूषण में 30 फीसद की कमी आई है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार तैयार है। संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने ग्रीन कवर बढ़ाकर, थर्मल पावर प्लांट बंद कर, धूल प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना लगाकर, इंडस्ट्री को पीएनजी में बदलकर और 24 घंटे बिजली देकर प्रदूषण को कम करने काम किया है। प्रदूषण वाले चिन्हित स्थानों के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान होगा। पराली को खेतों में ही नष्ट करने के लिए मुफ्त बॉयो डी-कंपोजर का छिड़काव किया जाएगा। इस दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण साइटों की निगरानी व एंटी डस्ट मशीन का प्रयोग करेंगे। वाहन प्रदूषण कम करेंगे और खुले में कूड़ा जलाने पर रोक रहेगी। औद्योगिक प्रदूषण पर सरकार की कड़ी नजर रहेगी और पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा। प्रदूषण पर वार करते हुए सरकार एक एक करोड़ पौधे लगाएगी। ग्रीन वॉर रूम बनेगा और लोग ग्रीन दिल्ली ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। सख्ती से ग्रैप को लागू करेंगे और लोगों के सहयोग से अभियान चलाकर पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बीते साल के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2014 में दिल्ली में वायु प्रदूषण पीएम 2.5 का स्तर 149 था, जो अब 103 पर आ गया है। पीएम 10 का स्तर 324 था, जो अब घटकर 223 पर आ गया है। प्रदूषण के लिए उन्होंने पड़ोसी राज्यों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि दूसरे राज्यों में विकास तेज होने से प्रदूषण बढ़ा है, लेकिन दिल्ली में कमी आई है। वर्ष 2016 में प्रदूषण रहित हवा के कुल 109 दिन थे, जो अब बढ़कर 163 दिन हो गए हैं।
दिल्ली अकेला ऐसा शहर है, जहां एक भी थर्मल पावर स्टेशन नहीं है। प्रदूषण वाले चिन्हित हॉट स्पॉट वाले स्थानों की निगरानी के लिए 13 विशेष टीमें बनाई गई हैं। कूड़ा जलाने वालों पर नजर रखने के लिए 611 टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रैप को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। केन्द्र सरकार की एजेंसी और सीएक्यूएम के जरिए तीन दिन बाद का पूर्वानुमान पता चल जाता है। इसके आधार पर ग्रैप को लागू किया जाएगा।


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