चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर बोकारो जिले में भी दिखने लगा है. तूफान से पूरे जिले में रुक-रुककर हो रही बारिश से कनकनी बढ़ गई है. वहीं, बेमौसम बारिश किसानों के लिए आफत बनकर आई है. खेतों तैयार धान, सब्जी समेत अन्य खरीफ फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है. धान की फसल पककर खेतों में पड़ी है. उंचाई वाले खेतों में धनकटनी हो चुकी है. बाकी बचे बहियार व कनाली खेतों में धान की कटाई नहीं हो पाई है. बारिश में फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है.
जिन किसानों ने धान की फसल काटकर खलिहान में गांज लगाई है, उन्हें भी इस बारिश से नुकसान होगा. इसके अलावा क्षेत्र के हजारों किसानों ने आलू की खेती की है. बारिश में आलू की फसल को पाला मार सकता है. इसके अलावा खेतों में लगी गोभी, टमाटर, प्याज, गाजर समेत अन्य फसलों के भी नष्ट होने या पैदावार कम होने का खतरा है.
बारिश के अभाव में देर से हुई धनरोपनी : कृषि विशेषज्ञ
बनो किसान संस्था के निदेशक ने कहा कि इस साल मानसून समय पर नहीं आया. अगस्त-सितंबर में कम बारिश होने की वजह से किसानों ने देर से धनरोपनी की. इस कारण इस साल धान की फसल तैयार होने में देर लग रही है. धान की तैयार फसल को इस बारिश से ज्यादा नुकसान होने की आशंका है. उन्होंने किसानों को आलू की फसल को बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी है.