आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक घाट में आग लगने से मछली पकड़ने वाली कम से कम 35 नौकाएं जलकर खाक हो गईं। पुलिस ने उन 10-15 लोगों की तलाश शुरू कर दी है, जो कथित रूप से नौका पर सवार थे। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे घाट पर बालाजी की एक नौका में आग लग गई। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह चार बजे आग पर काबू पा लिया गया। दुर्घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
विशाखापत्तनम बंदरगाह के सहायक पुलिस आयुक्त बी मोसेस पॉल ने कहा कि पुलिस ऐसे 10-15 लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिन्होंने लेनदेन को लेकर झगड़ा किया था। पॉल ने बताया, ‘एक नौका में आग लगने के बाद समूह ने नौका को खोलकर समुद्र में धकेल दिया, लेकिन वह नौकाओं की ओर वापस चली आई, जिससे भीषण आग लगी।’ उन्होंने बताया कि आग विशाखापत्तनम कंटेनर टर्मिनल और इंडियन ऑयल कॉपरेरेशन के पास एक क्षेत्र में लगी, जहां मछली पकड़ने वाली नौकाएं खड़ी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस को झड़प में शामिल लोगों के नाम का पता चल गया है। पॉल ने कहा कि लोगों से पूछताछ के बाद ही आग लगने के कारण के बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी।
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही शहर भर से अग्निशमन की 25 गाड़ियों को मौके पर भेजा गया तथा नौसेना की अग्निशमन नौका कि मदद से फोम और रेत छिड़ककर आग पर काबू पाया गया।
पॉल ने बताया कि शुरुआत में दमकल की गाड़ियां आग पर काबू नहीं पा सकी, क्योंकि लगभग हर नौका में डीजल और रसोई गैस सिलेंडर थे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक 10 से 15 मिनट पर नौका पर रखे सिलेंडरों में विस्फोट हो रहा था।
विशाखापत्तनम के जोन दो के पुलिस उपायुक्त आनंद रेड्डी ने कहा कि रविवार और सोमवार की दरमियानी रात तेज हवा चल रही थी, जिससे फाइबर (प्लास्टिक) से बनी नौका और आसपास खड़ी नौकाओं में आग तेजी से फैल गई। रेड्डी ने कहा, ‘इनमें से कई नौकाएं 5,000 लीटर तक डीजल वाली भी हैं, क्योंकि मछुआरे हफ्तों तक समुद्र में रहते हैं। कई नौकाएं एलपीजी सिलेंडरों से भी लदी होती है, जिनका उपयोग मछुआरे खाना पकाने के लिए करते हैं।’ आग की भयावह स्थिति को देखते हुए रेड्डी ने कहा कि विजाग स्टील प्लांट अग्निशमन विभाग और नौसेना को भी सतर्क कर दिया गया था।
विशाखापत्तनम जिला अग्निशमन अधिकारी एस. रेणुकय्या ने कहा कि उन्हें देर रात करीब एक बजे दुर्घटना के बारे में फोन आया, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और विशाखापत्तनम पोर्ट ट्रस्ट से मदद मांगा तथा घटनास्थल पर दमकल की 12 गाड़ियों को भेजा। रेनुकय्या ने बताया कि अग्निशमन कर्मियों ने आधे घंटे में आग को आसपास की अन्य नौकाओं तक फैलने से रोका और लगभग दो घंटे में आग पर काबू पा लिया। आनंद रेड्डी ने कहा, अनुमान के मुताबिक, प्रत्येक नौका की कीमत 35 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने दुर्घटनावश आग लगने का मामला दर्ज किया है।