ST.News Desk : सुप्रीम कोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े सीबीआई भ्रष्टाचार मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने की। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल का पक्ष प्रस्तुत किया।
सिंघवी की दलीलें
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि ‘सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें केजरीवाल का नाम नहीं है। साथ ही केजरीवाल को बीते दिनों अंतरिम जमानत देते हुए भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली सीएम समाज के लिए खतरा नहीं हैं।’ सिंघवी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट और ट्रायल कोर्ट ने पहले भी केजरीवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
सिंघवी की याचिकाओं का उल्लेख
सिंघवी के अनुसार, एक बार सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को चुनाव प्रचार के लिए जमानत पर रिहा किया था और एक बार ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भी उन्हें जमानत मिल चुकी है। सिंघवी ने यह तर्क दिया कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं और समाज के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ‘सीबीआई ने दो वर्षों में कोई गिरफ्तारी नहीं की थी, लेकिन 26 जून को अचानक केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। यह गिरफ्तारी एक तरह से इंश्योरेंस गिरफ्तारी थी।’ सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर 23 अगस्त को सीबीआई से हलफनामा देने को कहा और केजरीवाल को दो दिनों के भीतर सीबीआई के हलफनामे पर जवाब देने का निर्देश दिया था।
सीबीआई का विरोध
सिंघवी की दलीलों पर सीबीआई का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए था, न कि सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। राजू ने यह आरोप भी लगाया कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल को विशेषाधिकार प्राप्त है और उनके लिए अलग तरीका अपनाया जा रहा है।
अरविंद केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। एक याचिका में केजरीवाल ने सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है, जबकि दूसरी याचिका में उन्होंने जमानत देने की अपील की है। इससे पहले, 5 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने को कहा था। हाईकोर्ट ने सीबीआई की दलील को मानते हुए कहा था कि केजरीवाल जमानत पर बाहर आने के बाद गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।