ST.News Desk : तिरुपति मंदिर के विश्व प्रसिद्ध प्रसाद में पशु चर्बी और मछली के तेल के अंश पाए जाने से सियासत गरमा गई है। गुजरात की एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट ने इस विवाद को जन्म दिया है, जिससे भक्तों में हड़कंप मच गया है।
आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर तत्काल सीबीआई जांच की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा है कि मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए, अन्यथा भक्त उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ को माफ नहीं करेंगे।
टीटीडी ईओ श्यामल राव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पहले ही लड्डू बनाने में पशु चर्बी के उपयोग की शिकायत की थी और आपूर्तिकर्ताओं को चेतावनी दी गई थी कि यदि वे गुणवत्ता में सुधार नहीं करते हैं तो उन्हें काली सूची में डाल दिया जाएगा।
सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने भी इस मामले में दावा किया है कि गुजरात स्थित प्रयोगशाला द्वारा मिली जानकारी से यह स्पष्ट होता है कि घी में “गोमांस की चर्बी” की मौजूदगी है। यह मामला अब आस्था और श्रद्धा के साथ जुड़ गया है, जिससे भक्तों में नाराजगी का माहौल बन गया है।
दरअसल यह मामला तब सामने आया जब नायडू ने अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर एक एनडीए की बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि भगवान वेंकटेश्वर के ‘प्रसाद’ को बनाने के लिए घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा था। मंदिर ट्रस्ट हर दिन लगभग 3 लाख लड्डू बनाता है। यह ‘प्रसाद’ भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) और भगवान वेंकटेश्वर को आंध्र प्रदेश के लोगों की सबसे बड़ी धरोहर बताते हुए, नायडू ने कहा कि NDA सरकार मंदिर की पवित्रता को बहाल करने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने (YSRCP सरकार) मुफ्त भोजन सेवा की गुणवत्ता खराब कर दी और घटिया सामग्री का उपयोग करके भगवान वेंकटेश्वर के लड्डू को भी नहीं छोड़ा। YSRCP सरकार के कार्यकाल के दौरान, टीडीपी ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के ‘नंदिनी’ ब्रांड के घी की जगह एक निजी ठेकेदार को घी की आपूर्ति का ठेका दिया था।