छठ घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी हुआ आयोजन
पूर्वाचल का 4 दिवसीय छठ महापर्व का शुक्रवार को व्रतियों द्वारा उगते सूर्य को अध्र्य देने के साथ संपन्न हो गया। अलसुबह से ही हजारों की संख्या में महिला पुरुष व्रती घाटों व तालाबों पर सूर्य देव को अध्र्य देने के लिए जुटने शुरु हो गए थे। महापर्व का मुख्य आयोजन शीतला माता मंदिर की पाकिर्ंग सहित अन्य कई स्थानों पर किया गया था।
बड़ी संख्या में व्रतियों ने उगते सूर्य को सरोवर में खड़े होकर अध्र्य देकर पूजा-अर्चना करते हुए अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना भी की। बीती रात से ही आयोजन स्थलों पर समुदाय के लोगों का तांता लगा रहा। सांस्.तिक कार्यक्रम भी होते रहे। सुबह के आयोजन में बढ़-चढकर भाग ले सकें। सभी आयोजन स्थलों पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पाटलिपुत्र सांस्.तिक चेतना समिति, छठ पूजा समिति, डा. राजेंद्र प्रसाद फाउण्डेशन के सदस्य व पदाधिकारी संजय कुमार, संत कुमार, बीएन लाल, प्रधान छोटेलाल अपनी टीम के साथ पूरी व्यवस्था में जुटे दिखाई दिए। सभी का यही प्रयास रहा कि पूजा अर्चना में किसी व्रती को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
छठ पूजा के लिए सेक्टर-41, सेक्टर-4, रेलवे स्टेशन रोड, पंजीरी प्लांट, सुखराली एंक्लेव, सैक्टर 45, डूंडाहेड़ा, सूरत नगर, चकरपुर, सैक्टर 40, डूण्डाहेड़ा गांव, कन्हई गांव, नाहरपुर रुपा, सुशांत लोक फेस 3, सेक्टर-10ए, टेलीफोन कालोनी, कादीपुर गांव, सेक्टर-15 पार्ट-2, गढ़ी हरसरु, ओम विहार, न्यू पालम विहार, मानेसर, मारुति कुंज सहित जिले के सोहना, भौंडसी, पटौदी, फरुखनगर क्षेत्र में भी अस्थायी तालाब बनाए गए थे। इन स्थानों पर भी बड़ी संख्या में पूवार्ंचल के लोगों ने सूर्य देव की पूजा-अर्चना कर उन्हें अध्र्य देकर पर्व का समापन किया। इस महापर्व पर राजनैतिक दलों व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रमों में पहुंचकर पूवार्ंचल समाज के लोगों शुभकामनाएं भी दी। इन आयोजनों में बड़ी संख्या में पूवार्ंचल समाज के लोग शामिल हुए। कलाकारों ने कार्यक्रमों में प्रस्तुतियां देकर पूवार्ंचल संस्.ति से रुबरु कराया और वाहवाही लूटी। इस प्रकार के कार्यक्रम देर रात तक चलते रहे।