हैदर अली
रोहतास ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज)
कैमूर जिले में 20 दिसंबर 2024 को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी प्रमुख किसान संगठनों के नेतृत्वकारी साथी उपस्थित थे। बैठक की अध्यक्षता कामरेड हाशिम खान, प्रांतीय सदस्य अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा ने की। इस दौरान अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के प्रांतीय सचिव अशोक बैठा ने राष्ट्रीय बैठक में लिए गए फैसलों से अवगत कराया।
बैठक में बताया गया कि मोदी सरकार द्वारा किसानों और कृषि क्षेत्र को कॉर्पोरेट के हवाले करने की नीतियां लागू की जा रही हैं, जिससे न सिर्फ किसानों को बल्कि खेतों से जुड़े मजदूरों को भी बड़ा नुकसान होगा। नई कृषि उपज और मंडी नीति के तहत किसानों को अपने उत्पादन को कॉर्पोरेट के मर्जी से बाजार में बेचने के लिए मजबूर किया जाएगा, जो कि किसानों को गुलाम बनाने और खेतों को कॉर्पोरेट कंपनियों के अधीन करने की एक साजिश है।
साथ ही, बैठक में दिल्ली के सरहदों पर भूख हड़ताल पर बैठे नेताओं की गंभीर हालत और पंजाब में किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज, वॉटर कैनन और गैस का उपयोग कर दमन की कड़ी निंदा की गई।
संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया कि 23 दिसंबर 2024 को पूरे देश के जिला मुख्यालयों पर मोदी सरकार की नई उत्पादन और बाजार नीति के खिलाफ, इसके ड्राफ्ट को जलाया जाएगा। साथ ही, MSP की कानूनी गारंटी, किसानों के कर्ज माफी, किसानों पर झूठे मुकदमे हटाने, और 2020 के बिजली बिल को समाप्त करने की पुरानी मांगों को लेकर भी आंदोलन किया जाएगा।
बैठक में पूर्वांचल के चार राज्यों – बिहार, उड़ीसा, बंगाल और झारखंड के संयुक्त किसान मोर्चा के दो दिन के सम्मेलन का आयोजन भी तय किया गया, जो 11 और 12 दिसंबर 2024 को कोलकाता के सियालदह स्थित युवा केंद्र हाल में हुआ था। इसके अलावा, भारत माला एक्सप्रेसवे के तहत किसानों की ज़मीन छीनने के विरोध में भी आंदोलन की योजना बनाई गई।
इस बैठक में अखिल भारतीय किसान सभा के सचिन पवन सिंह, किसान सभा के कमल जी, किसान सभा के भीम सिंह, अखिल भारतीय किसान मजदूर सभा के फरसानी राम, और अखिल भारतीय खेत मजदूर किसान सभा के जिला अध्यक्ष कतवरू दास समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल हुए।
संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला लिया है कि 23 दिसंबर 2024 को कैमूर जिले में समाहर्ता के समक्ष एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।