
ST.News Desk

16 दिसंबर 2025 को जॉर्डन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत–जॉर्डन बिजनेस मीट को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते ऐतिहासिक विश्वास और भविष्य के आर्थिक अवसरों का मजबूत संगम हैं। उन्होंने जॉर्डन के राजा अब्दुल्लाह द्वितीय से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि चर्चा इस बात पर केंद्रित रही कि भौगोलिक स्थिति को अवसर और अवसर को विकास में कैसे बदला जाए। पीएम मोदी ने कहा कि राजा अब्दुल्लाह के नेतृत्व में जॉर्डन विभिन्न क्षेत्रों के साथ सहयोग का एक मजबूत पुल बनकर उभरा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की विकास दर 8 प्रतिशत से अधिक है, जो प्रोडक्टिविटी आधारित शासन और इनोवेशन आधारित नीतियों का परिणाम है। भारत को सूखे मौसम में खेती का व्यापक अनुभव है, जो जॉर्डन के लिए परिवर्तनकारी साबित हो सकता है। उन्होंने प्रिसिजन फार्मिंग, माइक्रो-इरिगेशन, कोल्ड चेन, फूड पार्क और स्टोरेज सुविधाओं में सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया।
स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह आज केवल एक सेक्टर नहीं, बल्कि रणनीतिक प्राथमिकता बन चुका है। उन्होंने भारतीय कंपनियों से जॉर्डन में दवाइयों और मेडिकल डिवाइसेज़ के निर्माण का आह्वान किया। इससे जॉर्डन के लोगों को लाभ होगा और जॉर्डन पश्चिम एशिया व अफ्रीका के लिए एक विश्वसनीय हेल्थकेयर हब बन सकता है।
डिजिटल क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि UPI, आधार और डिजिलॉकर जैसे भारतीय डिजिटल फ्रेमवर्क आज वैश्विक बेंचमार्क बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि इन फ्रेमवर्क को जॉर्डन की प्रणालियों से जोड़ने पर राजा अब्दुल्लाह के साथ सकारात्मक चर्चा हुई है।
यह दौरा भारत–जॉर्डन के कूटनीतिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रहा है। इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल और कृषि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। बिजनेस मीट में भारत और जॉर्डन के प्रमुख उद्योगपति शामिल हुए, जहां सहयोग के नए रास्ते खुलते नजर आए।

