नई दिल्ली। देश में 235 केंद्रीय विद्यालयों के पास स्थायी भवन नहीं हैं और वे अस्थायी भवनों में काम कर रहे हैं। संसदीय समिति की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने संसदीय समिति को बताया कि 235 केंद्रीय विद्यालय प्रायोजक एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराए गए अस्थायी आवास में कार्य कर रहे हैं।
देश में कुल 1,253 केंद्रीय विद्यालय हैं। संसद के दोनों सदनों में आठ अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विवेक ठाकुर की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा एवं खेल संबंधी स्थायी समिति की ‘सरकार द्वारा की गई कार्रवाई रिपोर्ट’ पेश की गई।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘इन 235 केंद्रीय विद्यालयों में 107 को भूमि स्थानांतरित कर दी गई है और वहां निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 72 अन्य केंद्रीय विद्यालयों को भी भूमि आवंटित कर दी गई है लेकिन वहां अभी काम शुरू होना बाकी है।’
इसमें कहा गया है पांच अन्य केंद्रीय विद्यालयों को भूमि स्थानांतरित कर दी गई है लेकिन इस पर विवाद है, जबकि 51 केंद्रीय विद्यालयों को अभी जमीन आवंटित की जानी शेष है। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने इस बात की सराहना की कि 235 केंद्रीय विद्यालयों में से 184 को भूमि आवंटित कर दी गई है। संसदीय समिति ने यह भी उल्लेख किया कि 107 केंद्रीय विद्यालय निर्माणधीन हैं और 77 के संबंध में अभी काम शुरू नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से स्थायी केंद्रीय विद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों एवं एजेंसियों के साथ मुद्दे को उठाने का आग्रह किया है। समिति ने कहा कि इस संबंध में प्रक्रिया में तेजी लाने और किसी प्रशासनिक बाधा को दूर करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय आवश्यक है तथा जहां भूमि आवंटित की जा चुकी है, वहां भवन निर्माण का कार्य मिशन मोड में पूरा किया जाना चाहिए। (भाषा)