दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किये जाने वाले मसालों में शामिल दालचीनी और उसके सक्रिय घटक प्रोस्टेट कैंसर से बचाव में मददगार साबित हो सकते हैं। एक ताजा अध्ययन में यह दावा किया गया है।
हैदराबाद में स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय पोषण संस्थान (आईसीएमआर-एनआईएन) द्वारा किए गए अध्ययन में चूहों को खाने में दालचीनी और उसके सक्रिय घटक.. सिनामाल्डिहाइड और प्रोसायनिडिन बी2. दिए गए और शुरूआती स्तर के प्रोस्टेट कैंसर पर उनका प्रभाव निरोधात्मक रहा।
इस अध्ययन का शीषर्क है ‘प्रोस्टेट कैंसर विकसित होने के खतरे का सामना कर रहे चूहों पर दालचीनी और उसके बायोएक्टिव कंपोनेंट का कीमोप्रिवेंटिव प्रभाव’। यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय पत्रिका ‘कैंसर प्रिवेंशन रिसर्च’ में प्रकाशित हुआ है।
एनआईएन ने एक विज्ञप्ति में कहा है, इस अध्ययन का लक्ष्य कैंसर के खतरे का सामना कर रहे नर चूहों पर दालचीनी और उसके सक्रिय कंपोनेंट के कीमोप्रिवेंटिव प्रभाव का पता लगाना था। इस अध्ययन के तहत वयस्क चूहों में कैंसर होने से पहले उन्हें भोजन के माध्यम से दालचीनी और उसके बायोएक्टिव कंपोनेंट दिए गए। चूहों को 16 सप्ताह तक यह खिलाया गया। यह देखा गया कि दालचीनी या उसके सक्रिय कंपोनेंट का सेवन करने वाले चूहों में से 60-70 प्रतिशत में प्रोस्टेट सामान्य रहा।
एंडोक्रायनोलॉजी विभाग के प्रमुख व अध्ययन का नेतृत्व करने वाली आयशा इस्माइल ने कहा, ‘हमने कीमोप्रिवेंटिव प्रभाव के संभावित तरीके का पता लगाने का प्रयास किया और पाया कि दालचीनी और उसके सक्रिय घटक ऑक्सिडेटिव तनाव को कम कर सकते हैं और प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर कोशिकाओं के फैलने की गति कम कर सकते हैं।’