लंदन। ब्रिटेन में लीसेस्टरशायर की एक अदालत ने दोहरे हत्याकांड के मामले में टिकटॉकर महेक बुखारी और उनकी मां अंसारीन बुखारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने महेक (24) को न्यूनतम 31 वर्ष और आठ महीने के आजीवन कारावास तथा उनकी मां अंसारीन को न्यूनतम 26 साल और नौ महीने के आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष लीसेस्टर के पास हुई दुर्घटना में साकिब हुसैन और हाशिम इजाजुद्दीन (दोनों 21 वर्षीय) की मौत हो गई थी। पूछताछ से पता चला कि तीन साल से अंसारीन और हुसैन में अवैध संबंध थे। जब अंसारीन बुखारी ने इसे खत्म करने का प्रयास तो हुसैन ने उनके पति के सामने रिश्ते को उजागर और उनके वीडियो साझा करने की धमकी दी। अंसारीन ने हुसैन द्वारा रिश्ते के दौरान खर्च किए गए पैसे वापस करने की पेशकश की और हुसैन के लिए अंसारीन तथा उनकी बेटी से मिलने की व्यवस्था की गई। न्यायाधीश का कहना है कि मामले को ‘नृशंस हत्या’ के रूप में वर्गीकृत करने में अभियोजन पक्ष सही था। पुलिस ने न्यायालय में बताया कि अंसारीन और महेक बुखारी छह अन्य लोगों के साथ हैमिल्टन, लीसेस्टर में एक टेस्को कार पार्क में आयोजित बैठक में पहुंचीं। इसके बाद हुसैन अपनी कार में कार पार्क में पहुंचे जिसे उसका मित्र इजाजुद्दीन चला रहा थे। टक्कर इतनी भीषण थी की हुसैन की कार दो भागों में विभाजित हो गई और उनका इंजन कार से अलग हो गया। उन्होंने बताया कि आग लगने से पहले दोनों पीड़ितों की कई चोटों के कारण मौत हो गई। इंस्पेक्टर मार्क पैरिश ने कहा, ‘यह एक क्रूर और निर्दयी हमला था जिसमें अंतत: दो लोगों की जान चली गई।’ न्यायाधीश टिमोथी स्पेंसर केसी ने कहा,‘अभियोजन पक्ष ने इसे प्रेम, जुनून और जबरन वसूली की कहानी के रूप में वर्गीकृत किया है और वह सही हैं। वह इस मामले को निर्मम हत्या की श्रेणी में रखने में भी सही थे।’
न्यायाधीश ने महेक से कहा, ‘एक प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में आपके करियर के दौरान आपकी बेहद प्रसिद्धि ने आपको पूरी तरह से आत्म-मुग्ध बना दिया है।’ उन्होंने कहा कि उनके ‘विकृत मूल्यों’ के कारण उन्हें अपने कायरें के दूसरों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ‘कोई स्पष्ट जागरूकता’ नहीं है।
न्यायाधीश ने अंसारीन से कहा कि उनकी बेटी के करियर के ‘कथित ग्लैमर’ ने उनका दिमाग घुमा दिया है, क्योंकि वह अक्सर ऑनलाइन पोस्ट में दिखाई देती हैं तथा प्रमोशन और शीश बार के उद्घाटन में भाग लेती हैं। उन्होंने उससे कहा, ‘आप इस समूह में वयस्क हैं और आपको वयस्कों के रूप में व्यवहार करना चाहिए था लेकिन आपने जोखिम के बारे में अपनी समझने योज्ञ चिंता को किसी भी तर्कसंगत निर्णय से वंचित कर दिया।’ इससे पहले दिन की शुरुआत में अदालत ने पीड़ित परिवारों के बयान सुने। इजाजुद्दीन के पिता सकिंदर हयात ने कहा कि उनका बेटा ‘निदरेष’ था। उन्होंने कहा कि वह समझ नहीं पा रहे हैं कि दुर्घटना के बाद प्रतिवादियों ने आपातकालीन सेवाओं को क्यों नहीं बुलाया।