भारत ने एशियाई पैरा खेलों में स्टार निशानेबाज अवनी लेखरा की अगुआई में रविवार को यहां छह स्वर्ण सहित कुल 17 पदक जीते, जिससे वह प्रतियोगिता के पहले दिन चौथे स्थान पर रहा। भारत ने पहले दिन छह स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य पदक जीते। वह पदक तालिका में मेजबान चीन (31 स्वर्ण, 29 रजत, 23 कांस्य), ईरान (9 स्वर्ण, 9 रजत, 6 कांस्य) और उज्बेकिस्तान (6 स्वर्ण, 6 रजत, 8 कांस्य) के बाद चौथे स्थान पर है। भारत ने उम्मीद के मुताबिक ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में सर्वाधिक 11 पदक हासिल किए। इनमें पांच स्वर्ण पदक भी शामिल हैं। दिन की शुरुआत में प्रणव सूरमा ने पुरुषों की क्लब थ्रो एफ51 स्पर्धा में स्वर्ण जीता। इस स्पर्धा का रजत और कांस्य पदक भी भारतीय खिलाड़ियों के नाम रहा। सूरमा ने 30.01 मीटर के प्रयास के साथ एशियाई पैरा खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए स्वर्ण पदक जीता, जबकि धरमबीर (28.76 मीटर) और अमित कुमार (26.93 मीटर) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इस स्पर्धा में केवल चार प्रतियोगी थे, जिसमें सऊदी अरब के राधी अली अलार्थी 23.77 मीटर के थ्रो के साथ अंतिम स्थान पर रहे। सूरमा 16 साल की उम्र में दुर्घटना का शिकार हुए थे जिसमें उनकी रीढ की हड्डी में चोट लग गई।
एफ51 क्लब थ्रो स्पर्धा उन एथलीटों के लिए है जिनकी कमर के आस-पास, पैर और हाथों की गतिविधि काफी हद तक प्रभावित रहती है। इसमें प्रतियोगी बैठकर प्रतिस्पर्धा करते हैं और कंधों तथा बांह के ताकत पर निर्भर रहते हैं। तोक्यो पैरालंपिक में स्वर्ण जीतने वाली देश की पहली निशानेबाज अवनी लेखरा ने भी एशियाई खेलों में रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक हासिल किया। अवनी ने महिलाओं की आर2 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग एसएच1 श्रेणी में 249.6 अंक के इन खेलों के रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस स्पर्धा में एक अन्य भारतीय पैरा निशानेबाज मोना अग्रवाल छठे स्थान पर रहीं। निशानेबाजी में ही रुद्रांश खंडेलवाल ने पी4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा में रजत पदक जीता। पुरुषों की ऊंची कूद टी63 श्रेणी में भी भारत के खिलाड़ी शीर्ष तीन स्थान पर रहे लेकिन एशियाई पैरालंपिक समिति (एपीसी) नियमों के तहत इस स्पर्धा में केवल स्वर्ण और रजत प्रदान किए गए। इस स्पर्धा में सिर्फ तीन भारतीयों ने ही चुनौती पेश की थी। एपीसी के ‘माइनस वन नियम’ के तहत, शैलेश कुमार ने में 1.82 मीटर की रिकॉर्ड छलांग के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि मरियप्पन थंगावेलु (1.80 मीटर) ने रजत पदक जीता।