नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को आरोप लगाया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को अधिसूचित करने का नरेन्द्र मोदी नीत केंद्र सरकार का कदम देश विरोधी है। उन्होंने दावा किया कि आगामी लोकसभा चुनाव में जनता इसका जवाब देगी। केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि सीएए लागू करना भाजपा की ‘‘ओछी राजनीति’’ है , जिसका मकसद पड़ोसी देशों के गरीब लोगों को भारत में अपना वोट बैंक बनाना है।
केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए)-2019 को लागू करने की घोषणा की। इस कदम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आने वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करने का रास्ता साफ हो गया है। सीएए के नियम जारी हो जाने के साथ ही अब सरकार इन तीन देशों के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी।
केजरीवाल ने एक्स पर कहा, ‘‘10 साल देश पर राज करने के बाद चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार सीएए लेकर आयी है। ऐसे वक़्त में जब गरीब और मध्यम वर्ग महंगाई से कराह रहा है और बेरोजगार युवा रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है, उन असली मुद्दों का समाधान करने के बजाय ये लोग सीएए लाये हैं।’’ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि भाजपा कह रही है कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब वे पड़ोसी देशों के लोगों को भारत में लाकर बसाना चाहते हैं। क्यों? अपना वोट बैंक बनाने के लिए। जब हमारे युवाओं के पास रोजगार नहीं है तो पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों को रोजगार कौन देगा? उनके लिए घर कौन बनाएगा? क्या भाजपा उनको रोजगार देगी? क्या भाजपा उनके लिए घर बनाएगी?’’
केजरीवाल ने कहा कि खासकर असम और पूरे पूर्वोत्तर के लोग सीएए का सख्त विरोध करते हैं, जो बांग्लादेश से होने वाले प्रवास के शिकार रहे हैं और जिनकी और संस्कृति आज खतरे में है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने असम और पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को धोखा दिया है और जनता इसका जवाब लोकसभा चुनाव में देगी।