रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में सैनिकों की तैनाती के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य गठबंधन को चेतावनी देते हुए कहा है कि उनके इस कदम से तीसरा वि युद्ध छिड़ सकता है। राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद सोमवार तड़के अपने समर्थकों और मीडिया से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि यह कोई रहस्य नहीं है कि नाटो देशों के लड़ाके यूक्रेन में मौजूद हैं।
पुतिन ने कहा कि मॉस्को अमेरिका के नेतृत्व में नाटो द्वारा यूक्रेन में अपने सैनिकों को भेजने से अच्छी तरह वाकिफ है। रूसी मीडिया ने उनके हवाले से कहा, हम फ्रेंच और अंग्रेजी दोनों भाषण सुनते हैं। इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की टिप्पणियों पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि रूस चाहता है कि फ्रांस संघर्ष को न बढ़ाए, बल्कि इसका शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करे।
अजरबैजान से यूक्रेन को मदद का आह्वान : अजरबैजान की यात्रा पर पहुंचे नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने बाकू से यूक्रेन की बेहद कठिन स्थिति के कारण उसे अधिक मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया। स्टोल्टेनबर्ग ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ वार्ता के दौरान कहा, यह एक देश है जो नाटो का भागीदार है और रूस ने यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक युद्ध जारी रखा है। नाटो सहयोगी देश चल रहे युद्ध के परिणामों के बारे में बेहद चिंतित हैं और नाटो सहयोगी यूक्रेन को समर्थन प्रदान करते हैं। मैं बहुत आवश्यक समर्थन का भी स्वागत करता हूं अजरबैजान यूक्रेन को प्रदान करता है। इसके अलावा जब मानवीय सहायता की बात आती है, जिसकी बहुत आवश्यकता है, लेकिन अधिक समर्थन की आवश्यकता है क्योंकि यूक्रेन में स्थिति बेहद कठिन है। गौरतलब है कि पिछले साल अजरबैजान ने यूक्रेन को मानवीय सहायता के लिए विद्युत उपकरण भेजना शुरू किया।
अमेरिका-रूस संबंधों की कोई संभावना नहीं : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अगले कार्यकाल के दौरान अमेरिका-रूस संबंधों की कोई संभावना नहीं है। स्पुतनिक ने अमेरिका के पूर्व सहायक ट्रेजरी सचिव पॉल क्रेग रॉबट्र्स के हवाले से यह जानकारी दी।
क्रेग रॉबट्र्स ने कहा, रूस अमेरिका का दुश्मन है, दशकों के शीत युद्ध से अमेरिकियों को यह प्रशिक्षण मिला था कि रूस खतरा है। अमेरिका-रूस संबंधों के लिए कोई उम्मीद नहीं है.. अमेरिकी सैन्य-सुरक्षा परिसर का बजट और शक्ति, हथियार उद्योग, अभियान योगदान द्वारा चुनी गई कांग्रेस और सीआईए और एफबीआई, एक दुश्मन देश के लिए ही तैयार किए गए हैं। वा¨शगटन-मॉस्को संबंधों के सामान्य होने की कोई उम्मीद नहीं होने का एक और कारण यह है कि मध्य पूर्व में अमेरिकी विदेश नीति इस्रइली लॉबी द्वारा नियंत्रित है। उन्होंने कहा, मध्य पूर्व में इस्रइल के हित रूस के हितों से बिल्कुल अलग हैं। इस्रइल का हित ईरान का विनाश है, जो सीआईए ‘जिहादियों’ के लिए रूसी संघ और सोवियत संघ के पूर्व मध्य एशियाई प्रांतों में प्रवेश का मार्ग खोल देगा।