
हैदर अली
रोहतास ब्यूरो, (संचार टाइम्स.न्यूज)

संसद में राहुल गांधी द्वारा जातीय जनगणना को लेकर उठाए गए मुद्दे के बाद जब प्रधानमंत्री द्वारा जातीय जनगणना की घोषणा की गई, तो विभिन्न राजनीतिक दल अपनी-अपनी उपलब्धियां गिनाने में जुट गए हैं। इसी कड़ी में एनडीए के घटक दल राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलएम) के प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा भी सासाराम में पहुंचे और अपनी पार्टी की भूमिका पर जोर दिया।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हाल ही में पार्टी के शिविर में जातीय जनगणना के साथ-साथ बढ़ती जनसंख्या के आधार पर लोकसभा और विधानसभा के परिसीमन को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया था। उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना की मांग मान ली है, लेकिन परिसीमन की मांग को लेकर आरएलएम अब आंदोलनरत रहेगी और इसकी शुरुआत रोहतास जिले के बिक्रमगंज से की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 25 मई को बिक्रमगंज में संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार महारैली आयोजित की जाएगी, जिसके माध्यम से पूरे प्रदेश में वातावरण तैयार किया जाएगा। इस श्रृंखला की अगली रैली मुजफ्फरपुर में होगी।
मीडिया द्वारा राहुल गांधी की भूमिका पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अपने लंबे शासनकाल में जातीय जनगणना क्यों नहीं करा सकी। उन्होंने जातीय जनगणना को प्रधानमंत्री और जनता की जीत बताया।
उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि ब्रिटिश शासनकाल के दौरान हिंदी पट्टी के राज्य—बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बंगाल—अंग्रेजों से संघर्ष में व्यस्त थे और शिक्षा का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया था। आज दक्षिण भारत के कुछ राज्य लोकसभा और विधानसभा परिसीमन का विरोध कर रहे हैं, लेकिन जनसंख्या के आधार पर परिसीमन होना जरूरी है और इसके लिए जनजागरण जरूरी है।
सासाराम आगमन के दौरान आरएलएम प्रमुख का भव्य स्वागत महासचिव सह मीडिया प्रभारी विशाल सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने किया।
