
ST.News Desk, New Delhi : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद देश की राजनीति में एक नई हलचल शुरू हो गई है, और अब सबसे बड़ा सवाल यही है — अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा?

शशि थरूर का नाम इस दौड़ में उभरकर सामने आ रहा है, लेकिन क्या वे वास्तव में इस पद के लिए एक वास्तविक दावेदार हैं या यह सिर्फ राजनीतिक और मीडिया अटकलों का हिस्सा है — इस पर नजर डालते हैं:
थरूर का नाम क्यों चर्चा में है?
एक वरिष्ठ पत्रकार के एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट ने यह चर्चा शुरू की, जिसमें कहा गया कि एनडीए के दो केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद शशि थरूर उपराष्ट्रपति पद के संभावित दावेदारों में शामिल हैं। हाल के दिनों में थरूर ने सरकार के कुछ कार्यक्रमों, जैसे ऑपरेशन सिंदूर, में भाग लिया, जिससे उनकी सरकार से समीपता की अटकलें शुरू हुईं। कांग्रेस के कुछ रुख़ों से थरूर की असहमति भी सार्वजनिक रही है, जैसे कि G-23 गुट का हिस्सा होना।
क्या भाजपा थरूर को समर्थन दे सकती है?
भाजपा या एनडीए की ओर से किसी विपक्षी सांसद को उपराष्ट्रपति बनाना असामान्य होगा, लेकिन राजनीति में संभावनाएं कभी खत्म नहीं होतीं।
अगर भाजपा विपक्ष में दरार डालना चाहती है, तो थरूर जैसे “लिबरल लेकिन लोकप्रिय” चेहरे को समर्थन देना रणनीतिक रूप से फायदे का सौदा हो सकता है। हालांकि, अब तक किसी भी पक्ष की ओर से शशि थरूर के नाम पर कोई आधिकारिक बयान या समर्थन नहीं आया है।
जेपी नड्डा – भाजपा अध्यक्ष, जिनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। पार्टी उन्हें नई भूमिका में भेज सकती है।
नीतीश कुमार – NDA को बिहार में मजबूत करने की रणनीति के तहत यह नाम सबसे अधिक चर्चा में है।
नितिन गडकरी – वरिष्ठ और लोकप्रिय नेता, लेकिन अब तक उन्होंने खुद को इस दौड़ से दूर ही रखा है।
उपराष्ट्रपति का चुनाव धनखड़ के इस्तीफे के 60 दिनों के भीतर होना है। यह चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचित सांसदों द्वारा किया जाता है, जहाँ फिलहाल भाजपा और उसके सहयोगी दलों को संख्यात्मक बढ़त है।
शशि थरूर का नाम अभी सिर्फ चर्चा में है, और किसी भी दल की ओर से औपचारिक समर्थन या संकेत नहीं मिला है। वे एक प्रभावशाली वक्ता और अंतरराष्ट्रीय छवि के नेता हैं, लेकिन कांग्रेस छोड़कर भाजपा का समर्थन लेना उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ा मोड़ हो सकता है।
