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सासाराम नगर निगम में घमासान : मेयर काजल कुमारी और उपमेयर सत्यवंती देवी के बीच आरोप-प्रत्यारोप

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हैदर अली
रोहतास ब्यूरो (संचारटाइम्स.न्यूज)

सासाराम नगर निगम में इस समय राजनीतिक संकट गहरा गया है, जहां मेयर काजल कुमारी और उपमेयर सत्यवंती देवी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को दोनों नेताओं ने प्रेसवार्ता आयोजित कर एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार और घोटालों के गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद शनिवार को उपमेयर सत्यवंती देवी के नेतृत्व में मेयर काजल कुमारी के खिलाफ एक धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस धरने में पार्षदों ने नगर निगम में चल रहे कथित भ्रष्टाचार और विकास कार्यों की अव्यवस्था को लेकर जमकर विरोध किया।

भ्रष्टाचार के आरोप

धरना प्रदर्शन के दौरान उपमेयर सत्यवंती देवी ने मेयर काजल कुमारी पर भ्रष्टाचार और विकास विरोधी होने का आरोप लगाया। उपमेयर का कहना था कि नगर निगम में कई योजनाओं को जानबूझकर अटका दिया गया है, जिसके कारण शहर का विकास रुक गया है। उनका आरोप था कि निगम के कुछ अधिकारी और मेयर की टीम विकास कार्यों में अड़चनें पैदा कर रही है और नागरिकों के लिए जरूरी कामों को टाल दिया जा रहा है।

उपमेयर के पति और पूर्व उपमुख्य पार्षद चंद्रशेखर सिंह ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “2007 से मैं उपमुख्य पार्षद रहा हूं, लेकिन उस दौरान टैक्स में मामूली वृद्धि की गई थी। अब अचानक टैक्स इतना बढ़ा दिया गया है कि मध्यम वर्ग इसे चुकता नहीं कर पाएगा।” उनका कहना था कि इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर भारी दबाव पड़ेगा।

शहर में विकास कार्यों की स्थिति

धरने में शामिल पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर निगम के अंतर्गत शहर के किसी भी वार्ड में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहा है। कई योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है, और शहर के चौक-चौराहों पर किसी प्रकार का सुधार नहीं किया जा रहा है। पार्षदों ने यह भी कहा कि नगर निगम में भ्रष्टाचार का माहौल है, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

धरने में शामिल पार्षदों में गुलशन अफरोज, सुखांत सिंह, पूर्व पार्षद अतेंदर सिंह, पूर्व उपमुख्य पार्षद चन्द्रशेखर सिंह समेत अन्य पार्षद शामिल थे। सभी ने एकजुट होकर मेयर काजल कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए और मांग की कि जल्द से जल्द नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जाए।

मेयर काजल कुमारी का पक्ष

हालांकि मेयर काजल कुमारी ने इस धरने और आरोपों पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके समर्थक यह कह रहे हैं कि उपमेयर और उनके समर्थकों द्वारा किए गए आरोप निराधार हैं। उनका कहना है कि नगर निगम में पिछले कुछ महीनों में कई विकास योजनाएं शुरू की गई थीं, और पार्षदों को उनके कार्यों में पूरी सहायता दी जा रही थी।

विवाद के राजनीतिक पहलू

यह विवाद नगर निगम के भीतर की राजनीति को भी उजागर करता है। सासाराम में आगामी नगर निगम चुनावों की तैयारियां चल रही हैं, और दोनों नेताओं के बीच आरोपों का सिलसिला इसे और पेचिदा बना सकता है। यह भी माना जा रहा है कि उपमेयर सत्यवंती देवी और मेयर काजल कुमारी के बीच बढ़ता हुआ टकराव नगर निगम के प्रशासनिक और विकासात्मक कार्यों पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

इसके अलावा, इस विवाद में शामिल अन्य पार्षदों की भी स्थिति महत्वपूर्ण हो सकती है, जो इस समय उपमेयर के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे हैं। अब यह देखना होगा कि मेयर काजल कुमारी इस आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले को कैसे संभालती हैं और क्या नगर निगम के प्रशासन में कोई सुधार होता है।


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