
ST.News Desk : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तेजी से बिगड़ते हालात के बीच भारत ने नागरिक सुरक्षा की तैयारियां तेज कर दी हैं। मंगलवार सुबह 10:45 बजे केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन और आगामी मॉक ड्रिल की रणनीति तय करना था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बुधवार को व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह ड्रिल देश के 244 वर्गीकृत नागरिक सुरक्षा जिलों में ग्राम स्तर तक आयोजित की जाएगी।
गृह मंत्रालय के अनुसार, अभ्यास में शामिल प्रमुख बिंदुओं में हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का परीक्षण, नागरिकों को सुरक्षा उपायों का प्रशिक्षण देना, बंकरों और खाइयों की सफाई, नियंत्रण कक्षों की कार्यक्षमता का परीक्षण, भारतीय वायु सेना के साथ रेडियो-संचार लिंक का संचालन, और छाया नियंत्रण कक्षों की तैयारी शामिल है।
मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवक, होमगार्ड्स, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और स्कूल-कॉलेज के छात्र भी भाग लेंगे। इसका उद्देश्य नागरिक आपदा प्रबंधन की वास्तविक तैयारी को परखना और देश की सुरक्षा स्थिति को मजबूत करना है।
यह कवायद ऐसे समय में की जा रही है जब पाकिस्तान की ओर से लगातार हमले की धमकियां दी जा रही हैं और सीमा पर तनाव चरम पर है। गृह मंत्रालय ने अपने पत्र में कहा है, “वर्तमान भू-राजनीतिक परिदृश्य में उभरते नए और जटिल खतरों को देखते हुए, नागरिक सुरक्षा की तैयारी को हर समय सर्वोत्तम स्तर पर बनाए रखना जरूरी है।”
यह निर्णय तब लिया गया जब गृह सचिव गोविंद मोहन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी, जिसके बाद हालात की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की गई।
