
ST.News Desk
अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र महानगरपालिका चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में सरगर्मी तेज हो गई है। सभी राजनीतिक दल चुनावी तैयारियों में जुटे हैं और मतदाताओं को साधने के लिए अलग-अलग रणनीतियां अपना रहे हैं। इसी बीच एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया है। करीब दो दशक बाद चचेरे भाई उद्धव ठाकरे (शिवसेना यूबीटी) और राज ठाकरे (एमएनएस) बीएमसी चुनाव के लिए एकजुट हो गए हैं।

आज दोनों नेताओं ने अपने गठबंधन का औपचारिक ऐलान किया। मुंबई के वर्ली स्थित होटल ब्लू सी में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उद्धव और राज ठाकरे ने साथ आकर चुनाव लड़ने की घोषणा की।
बता दें कि नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है, जो 30 दिसंबर तक चलेगी। मुंबई समेत राज्य की 29 महानगरपालिकाओं के लिए 15 जनवरी को मतदान होगा, जबकि मतगणना 16 जनवरी को की जाएगी।
गठबंधन पर मंत्री संजय शिरसाट का हमला
राज-उद्धव के गठबंधन पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री संजय शिरसाट ने तंज कसते हुए कहा कि अगर ये लोग साथ चलते तो हाल ही में हुए नगर पंचायत चुनावों में उन्हें इतनी हार क्यों झेलनी पड़ती। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन उनकी मजबूरी है, क्योंकि कांग्रेस और शरद पवार भी शिवसेना यूबीटी के साथ नहीं हैं। “जैसे डूबते को तिनके का सहारा होता है, उसी तरह उद्धव ठाकरे अब राज ठाकरे का सहारा ले रहे हैं,” शिरसाट ने कहा। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि इस गठबंधन से उन्हें ज्यादा फायदा नहीं मिलने वाला।
राज ठाकरे का बयान: मुंबई का मेयर मराठी ही बनेगा
एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीटों का बंटवारा अभी मायने नहीं रखता और कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह बाद में तय होगा। उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “मुंबई का मेयर मराठी ही बनेगा।”
उद्धव ठाकरे का तीखा संदेश
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा, “दिल्ली में बैठे लोग मुंबई को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। मुंबई को तोड़ने की साजिश करने वालों को खत्म कर देंगे।”
बीएमसी चुनाव से पहले ठाकरे भाइयों का यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है और इसका असर चुनावी नतीजों पर कितना पड़ेगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

