crossorigin="anonymous"> बुलंदशहर गैंगरेप मामला : 9 साल बाद पॉक्सो कोर्ट ने 5 आरोपियों को ठहराया दोषी, एक दोषी का वीडियो वायरल - Sanchar Times

बुलंदशहर गैंगरेप मामला : 9 साल बाद पॉक्सो कोर्ट ने 5 आरोपियों को ठहराया दोषी, एक दोषी का वीडियो वायरल

Spread the love

दोषी युवक ने मीडिया कर्मियों की ओर हाथ हिलाते हुए मुस्कुराकर कहा— “जियो राजा, मुझे फेमस कर दो।

ST.News Desk

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मां-बेटी के साथ नेशनल हाईवे-91 पर हुए सनसनीखेज गैंगरेप मामले में आज पॉक्सो कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने मामले में शेष बचे पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। इस दौरान जब पुलिस दोषियों को जेल वापस ले जा रही थी, तभी एक दोषी युवक ने मीडिया कर्मियों की ओर हाथ हिलाते हुए मुस्कुराकर कहा— “जियो राजा, मुझे फेमस कर दो।” उसका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में आक्रोश पैदा कर रहा है।

क्या है पूरा मामला

यह जघन्य वारदात 29 जुलाई 2016 को हुई थी, जिसकी गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी। मामले में लापरवाही बरतने पर उस समय पेट्रोलिंग वाहन पर तैनात पुलिसकर्मी, थाना प्रभारी और हल्का इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया था। वहीं तत्कालीन एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ सिटी पर भी कार्रवाई की गई थी।

पुलिस ने इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया था। सुनवाई के दौरान आरोपी सलीम की मौत हो गई। अजय उर्फ असलम उर्फ कालिया को हरियाणा में और बंटी उर्फ गंजा उर्फ बबलू को नोएडा एसटीएफ ने अलग-अलग मुठभेड़ों में ढेर कर दिया था। तीन अन्य आरोपियों—रहीसुद्दीन, जावेद उर्फ शावेज और जबर सिंह—को सीबीआई ने जांच के बाद क्लीनचिट दे दी थी। शेष बचे पांच आरोपियों को आज दोषी ठहराया गया है।

घटना वाले दिन नाबालिग को पहली बार आए थे पीरियड्स

गौरतलब है कि 28 जुलाई 2016 की रात करीब डेढ़ बजे पीड़िता अपने परिवार के साथ शाहजहांपुर जा रही थी। बुलंदशहर देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव दोस्तपुर के पास NH-91 पर बदमाशों ने पूरे परिवार को हथियार के बल पर बंधक बना लिया। इसके बाद परिवार के सामने ही मां और उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप किया गया। जांच में सामने आया कि घटना वाले दिन ही नाबालिग पीड़िता को जीवन में पहली बार मासिक धर्म आया था, जिससे उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति बेहद नाजुक थी।

फॉरेंसिक साक्ष्य बने मजबूत आधार

विवेचना के दौरान पीड़िता की मां के पेटीकोट पर मिले सीमेन का आरोपियों से मिलान हुआ, जिसे एक अहम फॉरेंसिक साक्ष्य माना गया। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने डायल 100 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद पीड़िता के पिता ने नोएडा पुलिस में तैनात अपने एक मित्र को फोन कर मदद मांगी।

अब कहां है पीड़िता

मामले में भारतीय दंड संहिता की धाराएं 394, 395, 397, 376D, 120B और पॉक्सो अधिनियम की धारा 5/6 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी थी। 11 अप्रैल 2017 और 27 जुलाई 2018 को अलग-अलग आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए थे।

वर्तमान में पीड़िता अपने परिवार के साथ बरेली में एक अज्ञात स्थान पर रह रही है। आज न तो पीड़िता और न ही उसके परिवार का कोई सदस्य अदालत में उपस्थित हो सका। करीब 9 साल 4 महीने 19 दिन बाद यह मामला अब अपने अंतिम चरण में पहुंचा है और सजा पर अदालत के फैसले का इंतजार किया जा रहा है।


Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *