
ST.News Desk : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। ईडी की यह कार्रवाई राज्य में कथित तौर पर करोड़ों रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी जांच का अहम हिस्सा है, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में शराब व्यापार से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोप हैं।

एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में उच्च स्तर के अधिकारी और उनके सहयोगी शामिल रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर राज्य के शराब कारोबार में भारी गड़बड़ियां कीं। इस कार्रवाई को ईडी की जांच में एक “महत्वपूर्ण मोड़” बताया जा रहा है। भूपेश बघेल का पलटवार: चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बीच भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “हम डरने वाले नहीं हैं। ईडी पहले भी आई थी, उन्होंने 33 लाख रुपये जब्त किए थे। अब फिर से छापा मारा गया है, हम पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन यह सब विपक्षी नेताओं को डराने की साजिश है।” बघेल ने कहा कि यह कार्रवाई उस समय की गई जब विधानसभा सत्र का अंतिम दिन था और वह अडानी समूह की कोयला खदान परियोजना में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे।
उन्होंने आगे कहा, “भूपेश बघेल न टूटेगा, न झुकेगा। हम ईडी, सीबीआई या किसी भी एजेंसी से डरने वाले नहीं हैं। आज अडानी से जुड़े मुद्दे उठते हैं, कल हमारे घर पर छापा पड़ता है। यह सब एक सोची-समझी रणनीति है।”
विपक्षी नेताओं पर निशाना?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र सरकार ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है और विपक्षी नेताओं को राजनीतिक रूप से निशाना बना रही है। बघेल ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए कहा कि यह “लोकतांत्रिक विरोध की आवाज़ को दबाने की कोशिश” है। चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और भूपेश बघेल के आरोपों ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि ईडी की आगे की कार्रवाई क्या रूप लेती है और कांग्रेस इस मसले को कितनी आक्रामकता से राष्ट्रीय स्तर पर उठाती है।
