ST.News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पहली बार सार्वजनिक बयान दिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश में चल रहे उपचुनाव प्रचार के दौरान इस मुद्दे को उठाया।
योगी ने सवाल उठाया कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को एक अल्पसंख्यक संस्था के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए या उसे एक सामान्य संस्था के रूप में रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत के संसाधनों से चलने और जनता के टैक्स से संचालित होने वाले इस संस्थान को आरक्षण की व्यवस्था में पारदर्शिता दिखानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “एएमयू में पिछड़ी जातियों, अनुसूचित जातियों और जनजातियों को आरक्षण क्यों नहीं मिलता? जबकि भारत का संविधान इन्हें आरक्षण की सुविधा देता है।” उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था क्यों की जा रही है, जबकि अन्य वर्गों को यह लाभ नहीं मिल पाता।
योगी ने इस मुद्दे को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी जोड़ा और आरोप लगाया कि कांग्रेस, सपा, और बसपा जैसे दल वोटबैंक की राजनीति के चलते इन संवैधानिक सुविधाओं को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। “ये दल आपकी भावनाओं और राष्ट्रीय एकता से खिलवाड़ कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणामों से यह साफ हो गया है कि जनता डबल इंजन सरकार को चाहती है। उन्होंने कहा, “अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप सिंह को कांग्रेस ने भुला दिया था, लेकिन हम उनकी याद को कायम रखते हुए उनके नाम पर राज्य विश्वविद्यालय बना रहे हैं। यह विश्वविद्यालय भविष्य की कई पीढ़ियों के लिए लाभकारी साबित होगा।”
सपा और कांग्रेस पर हमला:
योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव का आचरण मुलायम सिंह यादव के मूल्यों और आदर्शों के खिलाफ है। “सपा अब कांग्रेस की गोदी में खेल रही है,” योगी ने आरोप लगाया और यह भी कहा कि सपा ने नेताजी के आदर्शों से खुद को दूर कर लिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी राममंदिर के दर्शन के लिए नहीं गई, क्योंकि उन्हें डर था कि इससे उनका वोटबैंक खिसक जाएगा। “यदि आप कृष्ण-कन्हैया का सम्मान नहीं कर सकते तो हमारे वोट क्यों मांगते हैं?” योगी ने कहा।
मथुरा-वृंदावन पर बयान:
योगी ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार मथुरा, वृंदावन, बरसाना, गोकुल और अन्य तीर्थों का विकास कर रही है और जल्द ही मथुरा और वृंदावन की धार्मिक धरोहर को एक नई दिशा मिलेगी। “हम श्री कृष्ण-कन्हैया का सम्मान करेंगे और मथुरा में जनभावना का सम्मान कराएंगे,” उन्होंने कहा।
सीएम योगी ने मथुरा, वृंदावन और आसपास के क्षेत्रों को एक ऐतिहासिक रूप में पुनः स्थापित करने का वादा किया, जो कृष्ण के समय की भांति विकसित होगा।