
हैदर अली, संचार टाइम्स ब्यूरो रोहतास

रोहतास जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों में सासाराम विधानसभा सीट का अपना अलग राजनीतिक महत्व है। यह क्षेत्र तिलौथू और सासाराम दो प्रखंडों में बंटा हुआ है और मुस्लिम-कुशवाहा बहुल है। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में यहाँ से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राजेश गुप्ता विधायक निर्वाचित हुए थे। इस बार यह देखना रोचक होगा कि क्या पार्टी उन्हें दोबारा मौका देती है या नया चेहरा सामने आता है।
सासाराम विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,52,421 है, जिसमें 1,84,921 पुरुष, 1,67,490 महिला और 10 अन्य मतदाता शामिल हैं। हर बार की तरह इस बार भी एनडीए और महागठबंधन अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे, लेकिन इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है।
प्रशांत किशोर की अगुवाई वाली जनसुराज पार्टी इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने का संकेत दे रही है। जनसुराज से संभावित प्रत्याशियों की सूची में सबसे प्रमुख नाम समाजसेवी तोराब नियाज़ी का है, जो लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं और चुनावी हवा को अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश में जुटे हैं।
तोराब नियाज़ी की छवि एक ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता की है, जो जाति, धर्म और संप्रदाय से ऊपर उठकर सेवा कार्यों में लगे रहते हैं। यही कारण है कि उनके साथ ‘जात’ नहीं, बल्कि ‘जमात’ जुड़ी हुई है। युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ रही है, और यदि जनसुराज पार्टी उन्हें अपना प्रत्याशी बनाती है, तो एक बड़ा युवा वर्ग उनके समर्थन में खड़ा हो सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तोराब नियाज़ी के मैदान में उतरने से एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए मुकाबला कठिन हो सकता है। क्षेत्र में चर्चा है कि प्रशांत किशोर तोराब को टिकट देकर चुनावी संतुलन बिगाड़ सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो सासाराम की सियासत में बड़ा उलटफेर संभव है।
जनता में यह विश्वास भी देखा जा रहा है कि अगर तोराब नियाज़ी को विधानसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला, तो सासाराम विधानसभा क्षेत्र में विकास और नेतृत्व की एक नई तस्वीर सामने आएगी।
