
अब तक, योगी सरकार ने 93,658 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों से मिलाने में सफलता प्राप्त की
ST.News Desk : प्रदेश में बाल संरक्षण के प्रति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सक्रियता लगातार बढ़ रही है। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, राज्य सरकार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिससे बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को मजबूती मिल रही है। अब तक, योगी सरकार ने 93,658 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों से मिलाने में सफलता प्राप्त की है, जिससे हजारों परिवारों में खुशियां लौटी हैं।

केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के साथ मिलकर योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित “मिशन वात्सल्य योजना” के तहत, राज्य सरकार ने 1,645 बच्चों को गोद लेकर पुनर्वासित किया है। यह पहल इन बच्चों को सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण में बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही है।
योगी सरकार ने सभी जनपदों में टास्क फोर्स का गठन कर 1,707 बाल विवादों का त्वरित निपटारा किया है, जिससे बच्चों को न्याय दिलाने में मदद मिली है। इसके अलावा, बाल संरक्षण नीति के अंतर्गत 11,860 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ और 2 बच्चों को फॉस्टर केयर के जरिए सुरक्षित आश्रय दिया गया है।
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के तहत, 1,015 किशोर-किशोरियों को प्रशिक्षित किया गया, जिनमें से 29 किशोरों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इसके साथ ही, चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) सेवा 75 जनपदों में सक्रिय रूप से काम कर रही है, जिससे बाल संरक्षण के लिए त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
योगी सरकार की इन नीतियों और उनके प्रभावी क्रियान्वयन से बाल अधिकारों की सुरक्षा और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।
बाल संरक्षण प्रयासों की प्रमुख बातें :
बिछड़े बच्चों की पुनः संलग्नता : 93,658 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों से मिलाने में सफलता।
मिशन वात्सल्य योजना : 1,645 बच्चों को गोद लेकर पुनर्वासित किया गया।
बच्चों को सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण प्रदान किया जा रहा है।
टास्क फोर्स का गठन : सभी जनपदों में टास्क फोर्स का गठन।
1,707 बाल विवादों का त्वरित निपटारा किया गया।
बाल अधिकारों का सशक्तिकरण : बच्चों को न्याय दिलाने के लिए तेजी से कार्रवाई।
स्पॉन्सरशिप योजना : 11,860 बच्चों को इस योजना का लाभ मिला।
फॉस्टर केयर : 2 बच्चों को सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया।
राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन : 1,015 किशोर-किशोरियों को प्रशिक्षित किया गया।
29 किशोरों को रोजगार प्राप्त हुआ।
चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) : 75 जनपदों में सक्रिय रूप से कार्यरत।
बाल संरक्षण के लिए त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
