
हैदर अली
सासाराम (संचारटाइम्स.न्यूज)

बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर गुरुवार को जिले के सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों द्वारा ओपीडी सेवा के बहिष्कार का व्यापक असर देखने को मिला है। सदर अस्पताल सासाराम में इलाज के लिए आए कई मरीज व उनके परिजन या तो घर वापस लौट गए या फिर निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि कई मरीज सदर अस्पताल परिसर में भटकते भी नजर आए। हालांकि इस दौरान चिकित्सकों द्वारा आपातकालीन सेवा जारी रखी गई है लेकिन ओपीडी, लैब, दवा काउंटर आदि पूरी तरह से खाली है।
इलाज के लिए भटकते दिखे मरीज
चिकित्सकों के तीन दिवसीय ओपीडी बहिष्कार के पहले दिन सदर अस्पताल में इलाज कराने आए कई मरीज भटकते नजर आए। इन मरीजों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि ओपीडी सेवा बंद होने से बहुत परेशानी हो रही है। राम गोविंद पासवान बताते हैं कि पैर से बैठा नहीं जा रहा और जब यहां आया तो पता चला कि अस्पताल बंद है। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट दिखाने के लिए आए थे लेकिन कोई डॉक्टर हीं नहीं है। वहीं बीमार बेटी का इलाज कराने सदर अस्पताल आए धर्मवीर सिंह ने कहा कि पर्चा तो बन गया लेकिन कोई डॉक्टर नहीं है, अब निजी क्लीनिक में बेटी को दिखाने के लिए ले जा रहे हैं।
अस्पताल परिसर में सन्नाटा
चिकित्सकों के तीन दिवसीय हड़ताल के पहले दिन हीं सदर अस्पताल परिसर में सन्नाटा दिखा। हालांकि हड़ताल से अनजान कई मरीज परिसर में इधर-उधर भटकते नजर आए, लेकिन बंद की सूचना पाकर काफी संख्या में मरीज वापस घर लौट गए। इस दौरान रजिस्ट्रेशन काउंटर, लैब, दवा काउंटर, जांच केंद्र सहित पूरे परिसर में सन्नाटा पसरा रहा और लोगों को काफी परेशानी हुई।
आपातकालीन सेवा रही जारी
बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर 27 से 29 मार्च तक रोहतास जिला समेत पूरे बिहार के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा का बहिष्कार चल रहा है। सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद है, लेकिन सभी चिकित्सक अपने-अपने कार्य क्षेत्र पर उपस्थित दिखे और इमर्जेंसी, पोस्टमार्टम एवं डिलेवरी सेवा यथावत जारी रखी गई है।
प्रशासनिक मनमानी एवं मांगों के समर्थन में हड़ताल
चिकित्सकों के हड़ताल को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ बीके पुष्कर ने बताया कि बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ के आह्वान पर सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में डीएम द्वारा बायोमेट्रिक के आधार पर चिकित्सकों का मानदेय रोका गया है और पूर्व से भी चिकित्सकों की कई मांगे चली आ रही है, जिसको लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसलिए भाषा के आह्वान पर ओपीडी सेवा का बहिष्कार हो रहा है और सभी इमरजेंसी सेवाएं जारी हैं।
