शाह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह चिंता का विषय है। हमें सहकारिता की भावना को फिर से मजबूत करना होगा
नयी दिल्ली (ST.News Desk) : केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंकों के महासंघ (नेफ्सकॉब) को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) को अधिक व्यवहार्य, पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में काम करने का निर्देश दिया। यह बयान उन्होंने नेफ्सकॉब के हीरक जयंती समारोह में दिया, जिसमें उन्होंने राज्य और जिला-स्तरीय सहकारी संस्थाओं में सहकारिता की भावना में कमी पर चिंता व्यक्त की। शाह ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह चिंता का विषय है। हमें सहकारिता की भावना को फिर से मजबूत करना होगा।’’
उन्होंने सहकारिता का वास्तविक अर्थ सामूहिक समृद्धि और समान लाभ साझा करने के रूप में बताया। मंत्री ने जोर देकर कहा कि नेफ्सकॉब का कार्य केवल बैठकों का आयोजन करना और समस्याओं का समाधान करना नहीं है, बल्कि पैक्स को मजबूती प्रदान करना, उनका सुधार करना और उन्हें आधुनिक बनाना है।
शाह ने पैक्स के सुधार के बारे में विस्तार से बात की, जिनकी संख्या वर्तमान में 1.05 लाख है, हालांकि इनमें से केवल 65,000 ही सक्रिय हैं। उन्होंने नेफ्सकॉब से तकनीकी उन्नयन, युवाओं को जोड़ने और कम लागत वाली जमाराशियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। इसके साथ ही उन्होंने पैक्स को नई प्रौद्योगिकियों के अनुकूल बनाने के लिए कार्यशालाओं के आयोजन का भी सुझाव दिया।
शाह ने यह भी बताया कि सरकार का उद्देश्य आने वाले वर्षों में जिला सहकारी बैंकों की संख्या को मौजूदा 300 से 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है। उन्होंने गुजरात के सफल सहकारी बैंक मॉडलों जैसे अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक और गुजरात राज्य सहकारी बैंक का अध्ययन करने का भी सुझाव दिया, ताकि इन्हें अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सके।