नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने में पशुओं की चर्बी से युक्त घी के इस्तेमाल के आरोपों की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया है। सीबीआई के निदेशक की देखरेख में जांच होगी, जिसमें आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा नामित राज्य के दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे। एफएसएसएआई का अधिकारी भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी में शामिल रहेगा।
जस्टिस बीआर गवई और केवी विनाथन की बेंच ने कहा कि करोड़ों की भावनाओं को शांत करने के लिए एक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की जरूरत है। इसलिए एसआईटी में सीबीआई के दो अफसरों के अलावा आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा नामित दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) का एक अधिकारी शामिल होगा। सीबीआई के निदेशक जांच का निरीक्षण करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कहा कि अदालत को राजनीति का अखाड़ा का बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम नहीं चाहते कि यह राजनीतिक नाटक बन जाए। दुनिया भर में करोड़ों लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उसके आदेश को राज्य द्वारा नियुक्त एसआईटी के अधिकारियों की निष्पक्षता पर किसी प्रकार के सवाल के तौर पर नहीं देखा जाए। देवता में आस्था रखने वाले करोड़ों लोगों की भावनाओं को शांत करने के लिए वह एक स्वतंत्र एजेंसी को जांच सौंपने का आदेश दे रहा है। राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एसआईटी को बदला जाता है। सीबीआई के दो अधिकारियों को जांच एजेंसी के निदेशक द्वारा नामित किया जाएगा, जबकि आंध्र प्रदेश राज्य पुलिस के दो अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा नामित किया जाएगा। अदालत ने याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि एफएसएसएआई के अध्यक्ष स्वतंत्र एसआईटी में शामिल करने के लिए प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितम्बर को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह निर्णय लेने में सहायता करने को कहा था कि क्या राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी की जांच जारी रहनी चाहिए या किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जानी चाहिए।