
ST.News Desk

राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी संत और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। उन्होंने मध्यप्रदेश के रीवा में अंतिम सांस ली। उनके निधन से अयोध्या सहित देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है।
जानकारी के मुताबिक, डॉ. रामविलास दास वेदांती रीवा में एक कथा महोत्सव में शामिल होने गए थे। इसी दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
डॉ. वेदांती अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के एक प्रमुख स्तंभ रहे। 1990 के दशक में उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ स्वामी परमहंस के साथ मिलकर आंदोलन को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई थी। वे 1996 और 1998 में दो बार सांसद भी रहे और राम जन्मभूमि आंदोलन के अग्रणी चेहरों में उनकी गिनती होती थी।
सूत्रों के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर सोमवार देर शाम तक अयोध्या लाया जाएगा। मंगलवार सुबह 10 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी। इस अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
डॉ. रामविलास दास वेदांती के निधन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,
“श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद एवं श्री अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि। उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है।”
मुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना करते हुए कहा कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान मिले और शोक संतप्त शिष्यों व अनुयायियों को इस अपार दुःख को सहन करने की शक्ति प्राप्त हो।

