संचार टाइम्स डेस्क। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक द्वारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती पर की गई टिप्पणियों को लेकर भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा विधायक द्वारा मायावती के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियां यह दर्शाती हैं कि भाजपा के नेताओं के मन में महिलाओं और विशेषकर वंचित वर्गों के प्रति कितनी कटुता है।
महिला के मान-सम्मान को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं
अखिलेश यादव ने कहा कि राजनीति में मतभेद अपनी जगह हैं, लेकिन एक महिला के मान-सम्मान को खंडित करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि पार्टी अपने विधायकों को संरक्षण देकर महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचा रही है। यदि भाजपा तुरंत कार्रवाई नहीं करती, तो इसे पूरी भाजपा का विचार माना जाएगा।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने एक टीवी डिबेट के दौरान कहा कि मायावती पहली बार भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री बनी थीं और यह उनकी गलती थी। उन्होंने मायावती को प्रदेश की सबसे भ्रष्ट मुख्यमंत्री करार दिया।
मायावती ने यह भी सुझाव दिया कि यदि विधायक मानसिक रूप से बीमार हैं, तो उनका इलाज होना चाहिए
मायावती ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अखिलेश यादव ने सही समय पर भाजपा विधायक की टिप्पणियों का जवाब दिया और उनकी ईमानदारी की सच्चाई को स्वीकार किया। उन्होंने भाजपा से सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि यदि पार्टी ऐसा नहीं करती, तो इसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव और उपचुनावों में मिलेगा। मायावती ने यह भी सुझाव दिया कि यदि विधायक मानसिक रूप से बीमार हैं, तो उनका इलाज होना चाहिए, अन्यथा भाजपा के खिलाफ षड्यंत्र का आरोप भी गलत नहीं होगा।