प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों की रांची में जमीन कुर्क की है, जिसकी कीमत 8.86 करोड़ है। ईडी ने सोरेन के अलावा, भानु प्रताप प्रसाद, राज कुमार पाहन, हिलारियास कच्छप और बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया था। ईडी का कहना है कि अदालत ने गुरुवार को अभियोजन की शिकायत पर संज्ञान लिया है।
गौरतलब है कि ईडी ने जनवरी में सोरेन को उनके आधिकारिक आवास से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। सोरेन फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान में होटवार के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में बंद हैं। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच झारखंड पुलिस द्वारा सरकारी अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ कथित भूमि घोटाले मामलों में दर्ज की गई कई एफआईआर से शुरू हुई थी। कहा जाता है कि झारखंड में भू-माफियाओं का एक गिरोह सक्रिय है, जो रांची में भूमि रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता था।
मामले में मुख्य आरोपी झारखंड राजस्व विभाग के पूर्व अधिकारी और सरकारी रिकॉर्ड के संरक्षक प्रसाद हैं, जिन पर आरोप है कि उन्होंने सोरेन सहित कई लोगों को अवैध कब्जे, अधिग्रहण से जुड़ी गतिविधियों में सहायता प्रदान करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। ईडी ने अपने आरोप पत्र में कहा कि प्रसाद एक ऐसे सिंडिकेट का सदस्य था, जो फर्जी तरीकों से जमीन हासिल करने में शामिल था। वह मूल सरकारी रजिस्टरों के साथ छेड़छाड़, सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी और फर्जी दस्तावेज बनाना शामिल था।
ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सात घंटे की पूछताछ के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले सोरेन को ईडी की हिरासत में राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हेमंत सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।