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राहुल गांधी ने रायबरेली से दाखिल किया नामांकन, सोनिया-प्रियंका रहीं मौजूद

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नामांकन दाखिल करने से पहले राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और बहनोई रॉबर्ट वाद्रा के साथ अमेठी के फुरसतगंज हवाईअड्डे पर पहुंचे हैं। उनके साथ राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे। नामांकन दाखिल करने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी रायबरेली में थे।
उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल गांधी ने जिलाधिकारी कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल किया। बीजेपी ने रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद रहे। कांग्रेस ने एक्स पोस्ट में लिखा कि जननायक राहुल गांधी ने ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा चुनाव का नामांकन भरा। ये चुनाव देश में लोकतंत्र की रक्षा का चुनाव है, अन्याय को हराकर न्याय की स्थापना का चुनाव है। हम हर कीमत पर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। लड़ेंगे और जीतेंगे।

नामांकन दाखिल करने से पहले राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी, बहन प्रियंका गांधी वाद्रा और बहनोई रॉबर्ट वाद्रा के साथ अमेठी के फुरसतगंज हवाईअड्डे पर पहुंचे हैं। उनके साथ राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी थे। नामांकन दाखिल करने के लिए बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी रायबरेली में थे। सात चरण के आम चुनाव के पांचवें चरण में दोनों सीटों पर 20 मई को मतदान होगा। राहुल को अमेठी के बदले रायबरेली से चुनाव मैदान में उतारने के पीछे पार्टी का आकलन है कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के लिए रायबरेली, अमेठी से बेहतर और सुरक्षित सीट है।


राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाये जाने से सुर्खियों में रहने वाला रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। रायबरेली सीट को ‘वीवीआईपी’ सीट भी कहा जाता है, जहां से पहले दो आम चुनाव में राहुल के दादा फिरोज गांधी विजयी हुए थे। रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में फिरोज गांधी द्वारा रखी गयी मजबूत नींव को उनकी पत्नी व पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने और मजबूती प्रदान की तथा 1967, 1971 और 1980 के चुनाव में इस सीट पर जीत हासिल की। इंदिरा गांधी ने 1980 में दो सीट से चुनाव लड़ा, जिनमें रायबरेली और मेडक (तेलंगाना) लोकसभा सीट शामिल हैं हालांकि उन्होंने बाद में मेडक सीट अपने पास रखने का फैसला किया। उसके बाद अरुण नेहरू ने 1980 के उपचुनाव और 1984 के आम चुनाव में रायबरेली पर कांग्रेस का परचम लहराये रखा। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी माने जाने वाले अरुण नेहरू से लेकर शीला कौल तक रायबरेली सीट गांधी परिवार के सदस्यों और उनके करीबियों के पास ही रही।


इंदिरा गांधी की रिश्तेदार शीला कौल ने 1989 और 1991 में रायबरेली का प्रतिनिधित्व संसद में किया था। गांधी परिवार के एक अन्य मित्र सतीश शर्मा ने 1999 में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और उसके बाद सोनिया गांधी का राजनीति में प्रवेश हुआ। वर्ष 1977 में आपातकाल के बाद जनता पार्टी के राज नारायण ने इंदिरा गांधी को हराया था, जो उस समय प्रधानमंत्री थीं। वहीं 1996 और 1998 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अशोक सिंह ने कांग्रेस के उम्मीदवारों को शिकस्त दी थी। सोनिया गांधी ने चुनावी राजनीति में प्रवेश करने के लिए 1999 में अमेठी सीट चुनी थी, लेकिन 2004 में उन्होंने अमेठी सीट राहुल के लिए छोड़ दी। सोनिया गांधी ने 2004 से 2019 तक चार बार रायबरेली सीट पर जीत हासिल की हालांकि उनकी जीत का अंतर कम होने लगा था।


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