बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चंद्रयान-3 मिशन में शामिल वैज्ञानिकों की टीम से बातचीत के दौरान भावुक हो गए. बेंगलुरु में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के कमांड सेंटर में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत चंद्रमा पर है. हमारा राष्ट्रीय गौरव चंद्रमा पर है.”
उन्होंने कहा, “चंद्रयान-3 मिशन की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक असाधारण मोमेंट है.” अंतरिक्ष में 40 दिनों की यात्रा के बाद, चंद्रयान -3 लैंडर, ‘विक्रम’, बुधवार शाम को चंद्र दक्षिणी ध्रुव को छू गया, जिससे भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया.
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस समय दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे थे और इस कार्यक्रम के दौरान इसरो वैज्ञानिकों के साथ वर्चुअली जुड़े थे. इसके बाद उन्होंने द्विपक्षीय वार्ता के लिए ग्रीस का दौरा किया.
प्रधानमंत्री आज ग्रीस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह इसरो वैज्ञानिकों को सलाम करने के लिए वापसी पर सबसे पहले शहर पहुंचने से खुद को नहीं रोक पाए.
इसरो टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने एचएएल हवाई अड्डे के बाहर एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, “न केवल भारतीय बल्कि दुनिया भर के लोग जो विज्ञान में विश्वास करते हैं, जो भविष्य देखते हैं और मानवता के प्रति समर्पित हैं, उत्साह से भरे हुए हैं.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बेंगलुरु में इसरो के वैज्ञानिकों से मिले. इस दौरान पीएम मोदी ने इसरो प्रमुख को गले लगाकर पीठ थपथपाई. वैज्ञानिकों ने इसरो कमांड सेंटर में पीएम मोदी को पूरा चंद्रयान मॉडल दिखाया. इसके बाद पीएम मोदी ने ऐतिहासिक चंद्रयान -3 मिशन के वैज्ञानिकों को संबोधित किया. उन्होंने देश के नागरिकों को वैज्ञानिकों की इस सफलता के पीछे की मेहनत और संघर्ष के बारे में बताया.
पीएम मोदी ने बताया कि चंद्रयान-3 का मून लैंडर जहां उतरा, उसे ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट के नाम से जाना जाएगा. वहीं, 23 अगस्त को जिस दिन चंद्रयान-3 चंद्रमा पर पहुंचा, उस दिन को अब हिन्दुस्तान ‘नेशनल स्पेस-डे’ के रूप में मनाएगा.