‘सवाल पूछने के लिए पैसे लेने’ की सुनवाई के दौरान लोकसभा आचार समिति पर अपमानजक प्रश्न करने का आरोप लगाने वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने जांच में सहयोग करने की अपनी इच्छा जाहिर की है। साथ ही, उन्होंने स्त्री-द्वेष से संरक्षण की जरूरत और शिष्टता के मानदंड को बरकरार रखने पर भी जोर दिया। मोइत्रा ने एक साक्षात्कार में आचार समिति की जांच को ‘राजनीति के कारण चु¨नदा तरीके से निशाना बनाना’ करार दिया और कहा कि इसका एकमात्र मकसद उन्हें संसद से निष्कासित कराना है। मोइत्रा ने आरोप लगाया है कि बृहस्पतिवार को समिति की सुनवाई के दौरान उनसे उनके निजी जीवन के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछे गए।
उन्होंने कहा, ‘मैं जांच के लिए, और सभी सवालों के जवाब देने के लिए हमेशा से तैयार हूं। लेकिन एक मर्यादा होनी चाहिए, जिसका उल्लेख किये जाने की जरूरत है। मुझे ओछे और अपमानजक सवाल से संरक्षण की जरूरत है। मैंने इस बारे में लोकसभा स्पीकर को पत्र लिखा है।’ कृष्णानगर से सांसद ने जांच से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने को इच्छुक होने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, ‘मैंने लोकसभा स्पीकर से कहा है कि उन्हें अशोभनीय, स्त्री-द्वेष के खिलाफ मुझे संरक्षण देना होगा। जांच से जुड़ी किसी भी चीज का मैं पहले ही जवाब दे चुकी हूं। मैंने अपना पक्ष 100 बार स्पष्ट किया है। यदि मैंने कोई नियम तोड़ा है तो मुझे इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। यदि वे मुझसे सवाल पूछना चाहते हैं, तो यह ठीक है, लेकिन इस तरह से नहीं।’
मोइत्रा से यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले में उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस उनका समर्थन कर रही है, उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी मेरा समर्थन क्यों नहीं करेगी? शुरूआत में कोई बयान नहीं जारी किया गया, इसका यह मतलब नहीं कि वह मेरा समर्थन नहीं कर रही। यह उम्मीद नहीं करें कि मेरी पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी हर मु्द्दे पर टिप्पणी करेंगी।’ आचार समिति की बैठक के बाद, इसके अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि समिति का काम विषय की एक व्यापक जांच करना है। सहयोग करने के बजाय मोइत्रा और विपक्षी सदस्य कथित तौर पर आक्रोशित हो गए और उन्होंने उनके (सोनकर के) खिलाफ आरोप लगाते हुए ‘आपत्तिजनक शब्दों’ का इस्तेमाल किया। मोइत्रा ने इसका यह कहते हुए जवाब दिया कि विपक्ष के पांच सदस्यों ने (समिति के) अध्यक्ष के बर्ताव और अनैतिक सवालों के खिलाफ विरोध स्वरूप बैठक से वाकआऊट किया।
उपहार लेने और एनआईसी लॉगिन से जुड़े आरोपों के बारे में, मोइत्रा ने कहा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र दूर-दराज का इलाका है और एक सांसद के लॉगिन का उनके कार्यकाल के दौरान कम से कम 10 लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं दूर-दराज के एक निर्वाचन क्षेत्र से आती हूं। मैंने सचिवालय से कुछ मदद ली है। मेरे (मोबाइल) फोन पर आने वाले ओटीपी (वन टाइम पार्सवड) के बिना कुछ नहीं किया जा सकता।’ उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि पोर्टल का किसी का लॉगिन और पार्सवड साझा करने का नियम केवल प्रश्न टाइप करने के बारे में हैं। उन्होंने कहा कि ओटीपी के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल किया, ‘सांसद के अपना आईडी और लॉगिन साझा करने के बारे में नियम या प्रोटोकॉल कहां हैं।’ मोइत्रा ने इन आरोपों का भी खंडन किया कि उन्हें कारोबारी हीरानंदानी से अनुचित लाभ मिला। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से उनके मित्र हैं।