भारत इस भव्य जी20 शिखर सम्मेलन की शानदार और ऐतिहासिक मेजबानी करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए आने वाले मेहमानों के भारत आने का सिलसिला भी शुरू होने जा रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए सबसे पहले भारत अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन भारत आएंगे।
उनकी सुरक्षा को लेकर भारत में सुरक्षा एजेंसियों ने पुख्ता तैयारी की है। वहीं अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के 300 स्पेशल कमांडो को भी बाइडन की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। माना जा रहा है कि उनके काफीले में 50 से अधिक वाहन होंगे। जी20 में आने वाले सभी मेहमानों में सबसे बड़ा काफिला जो बाइडन का होगा। इस काफीले में दुनिया की सबसे सुरक्षित कारों में से एक ‘द बीस्ट’ भी होगी।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की गाड़ी ‘द बीस्ट’ बेहद खास है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति की गाड़ी कितनी शक्तिशाली होगी इसका अंदाजा लगाया ही जा सकता है। इस गाड़ी को लेकर कई ऐसी जानकारी हैं जो लोगों को नहीं पता है। इस गाड़ी की खूबियों के बारे में बताते है।
‘द बीस्ट’ यानी की यूएस प्रेसिडेंशियल कैडिलैक दुनिया के सबसे सुरक्षित गाड़ियों में शुमार है। कैमिकल हमलों से लेकर ईआईडी जैसे हमलों को भी ये गाड़ी झेल सकती है। इस कार को प्रमुख कार निर्माता कंपनी जनरल मोटर्स के कैडिलैक मोटर कार डिविजन ने बनाया है। अमेरिका के हर राष्ट्रपति को नई गाड़ी मिलती है जिसमें हर लेटेस्ट अपडेट कंपनी करती है। यानी हर अमेरिकी राष्ट्रपति को मिलने वाली ‘द बीस्ट’ लेटेस्ट टैक्नोलॉजी और फिचर्स से लैस होती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर ‘द बीस्ट’ से संबंधित कई जानकारियों को गुप्त भी रखा जाता है। जैसे ‘द बीस्ट’ की कौन सी गाड़ी में राष्ट्रपति ट्रैवल करेंगे ये जानकारी किसी को नहीं दी जाती है। वहीं इन गाड़ियों की तरह इनकी नंबर प्लेट भी बेहद खास होती है। बाइडन की गाड़ी पर 46 नंबर है, जो दर्शाता है कि बाइडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति है। कुछ मौकों पर बाइडन अन्य गाड़ियों से भी सफर करते दिखे है, जिनपर कुछ अलग नंबर होते है।
खास है कार
अमेरिकी राष्ट्रपति पद ही ऐसा है कि इस पद पर आने वाला व्यक्ति बेहद खास और सबसे अहम हो जाता है। ऐसे में उनकी गाड़ी भी बेहद खास है जिसमें हमलावरों से बचने के लिए 120 वोल्ट का बिजली का झटका देने के लिए स्मोक स्क्रीन और दरवाजों पर खास हैंडल है। ये दुश्मन के वाहन को रोकने के लिए ऑयल लेयर सड़क पर बिछाने में सक्षम है। पंप एक्शन शॉटगन, रॉकेट से चलने वाले ग्रेनेड, नाइट विजन उपकरण और आंसू गैस ग्रेनेड जैसी सुविधाओं से ये गाड़ी लैस है।
इस गाड़ी का वजन 8 से 10 टन के बीच है। इसमें बम विस्फोटों से बचने के लिए आठ इंच मोटा मेटल लगाया गया है। ये ऐसी गाड़ी है जिसकी बॉडी कई मेटलों को मिलाकर तैयार हुई है। इसमें स्टील, टाइटेनियम, एल्यूमीनियम और सेरिमिक का उपयोग किया गया है। ये गाड़ी इतनी मजबूत है कि इस पर खरोंच तक नहीं आ सकती है। 5 इंच मोटे विंडो ग्लॉस, .44 मैग्नम बुलेट तक को रोक सकते है। अगर किसी स्थिति में रसायनिक हमले होते हैं तो ये गाड़ी अंदरूनी हिस्से को सील कर सकती है। इस गाड़ी के टायरों की बात करें तो बर्स्ट होने के बाद भी कई मीलों का सफर कर सकते है। मगर इससे गा़ॉी की रफ्तार थोड़ी कम होगी। ये गाड़ी सिर्फ 15 सेकेंड में शून्य से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है।
सुरक्षा के लिहाज से ये गाड़ियां बेहद अहम है। बता दें कि द बीस्ट गाड़ी सिर्फ एक नहीं है। जो बाइडन ने जब शपथ ग्रहण की थी तो उस काफीले में सात ‘द बीस्ट’ गाड़ियां शामिल थी। कैडिलैक आमतौर पर कुछ वर्षों में ही गाड़ी को अपडेट कर देती है जिसके बाद गाड़ी में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, गैजेट्स, नए उपकरण लगाए जाते है। ये भी कहा जाता है कि गाड़ी के मॉडल जल्दी पुराने नहीं होते। संभावना है कि इसके 16 से 20 पुराने मॉडल अब भी काम करते है।
अमेरिकी राष्ट्रपति की ये गाड़ी हमेशा उनके साथ होती है चाहे वो किसी अन्य देश की यात्रा पर भी हो। संभावना है कि इस गाड़ी की कीमत लगभग 15 लाख डॉलर है जो कि 12.47 करोड़ रुपये होती है। हालांकि ये आंकड़ा सिर्फ ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर है, जिसकी आधिकारिक पुष्टी नहीं हुआ है।
किसी दुर्घटना होने पर या आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भी ये गाड़ी पूरी तरह से तैयार है। ‘द बीस्ट’ में आपात स्थिति से निपटने के लिए ब्लड सप्लाई की सुविधा है। कार में ब्लड स्टोर करने के लिए फ्रिज है, जिसमें राष्ट्रपति के ब्लड ग्रूप के ब्लड को स्टोर किया जाता है। ये ब्लड सुरक्षित रहे इसके लिए भी व्यवस्था है। हमला होने पर राष्ट्रपति की ‘द बीस्ट’ को सीधे सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जा सकता है। इस गाड़ी में अधिकतम सात लोगों के बैठने की क्षमता है। बता दें कि राष्ट्रपति के काफीले में सैन्य डॉक्टर सहित अन्य कर्मचारी, आम तौर पर ‘कंट्रोल कार’ के नाम से जानी जाने वाली तीन एसयूवी भी शामिल होती है।
‘द बीस्ट’ की बॉडी लेयर काफी मोटी है, जिससे ये काफी सुरक्षित कार है। इसका विंडो भी पांच इंच मोटा है। कार में बने केबिन का निर्माण पूरी तरह से साउंड प्रूफ किया गया है। यानी यहां बाहर से कोई आवाज नहीं आ सकती है। मगर बाहर की आवाज को माइक्रोफोन और स्पीकर की मदद से सुना जा सकता है। इसमें कम्यूनिकेशन डिवाइस भी लगे हैं ताकि अन्य गाड़ियों में ट्रैवल कर रहे अन्य अधिकारियों से राष्ट्रपति संपर्क कर सकें।
अमेरिका के राष्ट्रपति का काफीला काफी बड़ा होता है जिसमें कई गाड़ियां शामिल होती है। जो बाइडेन की इटली यात्रा के दौरान उनके काफीले में 85 गाड़ियां शामिल थी। उनका काफीला आमतौर पर 50 गाड़ियों का होता है। इसमें लोकेशन, अवसर को देखते हुए भिन्नता हो सकती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति का काफीला चार श्रेणियों में बंटा है जिसमें रूट कार, स्वीपर्स और लीड कार होती है। रूट कार काफी से कुछ मिनट पहले आगे चलती है, जो एक वॉच कार के तौर पर काम करती है। ये पूरे काफीले का मार्गदर्शन करती है। पायलट कार भी ऐसी होती है जो कुछ सेकेंड के अंतराल पर चलती है। फिर स्वीपर्स आमतौर पर मोटरसाइकिलों और सुरक्षाकर्मियों का दस्ता है जो मूल तौर पर ट्रैफिक क्लीयर करते हुए चलता है। लीड कार आमतौर पर गाइड की तरह काम करती है।
बता दें कि जो भी ड्राइवर अमेरिकी राष्ट्रपति की इस बेहद सुविधाजनक और कई गैजेट्स से लैस गाड़ियों को ड्राइव करता है उसे खास ट्रेनिंग दी जाती है। यूएस सीक्रेट सर्विस के ख़ास ट्रेंड एजेंट को ही ये कार ड्राइव करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। गाड़ी को ड्राइव करने से पहले उन्हें लंबी ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें इमरजेंसी की स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग के अलावा ‘द बीस्ट’ के फीचर्स भी बताए जाते है।