
लोकसभा ने पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया। मोइत्रा के मुद्दे पर आज लोकसभा में सुबह से हंगामा होता रहा।
आज सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्ष ने आचार संहिता की रिपोर्ट पेश किए जाने को लेकर शोर-शराबा किया। हंमामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे स्थगित कर दी। एक बार स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन जैसे ही समवेत हुआ, पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के लिए नाम पुकारना शुरू किया। वैसे ही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, डीएमके, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना ठाकरे गुट एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े होकर नारेबाजी करने लगे -भारत की बेटी का अपमान बंद करो, नारी पर आक्रमण बंद करो, मोदी सरकार हाय हाय।
इसी बीच आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने सदन के पटल पर रिपोर्ट पेश करते हुए कहा, मैं आचार समिति का पहला प्रतिवेदन सदन पटल पर रखता हूं। समिति के अध्यक्ष ने जैसे ही रिपोर्ट पेश की, कांग्रेस और तृणमूल के सदस्य अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गए और नारे लगाते हुए रिपोर्ट की प्रति दिए जाने की मांग करने लगे। तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने रिपोर्ट की सिफ़ारिश पर वोटिंग से पहले बहस कराए जाने की मांग की। इस दौरान विपक्षी सदस्यों का शोरशराबा एवं नारेबाजी तेज हो गई। इस पर श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी।
आचार समिति ने गत नौ नवंबर को अपनी एक बैठक में मोइत्रा को पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोपों में लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की थी। समिति के दस में से छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था। विपक्ष के चार सदस्यों ने रिपोर्ट पर सहमति नहीं दी थी। भाजपा के निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ यह शिकायत की थी। दोपहर दो बजे संसदीय कार्य मंत्री पल्राद जोशी ने की सदस्यता खत्म करने सम्बंधित प्रस्ताव पेश किया।

