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बिना बगीचे के भी पा सकते हैं प्रकृति का साथ

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बगीचे में समय बिताना आपके लिए अच्छा है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप उद्यान में पौधों को पानी देते हैं या वहां लगी बेंच पर आराम फरमाते हैं, बगीचे के सानिध्य में रहने के तमाम लाभ हैं। इन लाभों में स्वास्थ्य में सुधार, तंदुरुस्ती, मानसिक परेशानी में कमी और निद्रा की गुणवत्ता बढ़ना आदि शामिल हैं।
जो लोग बगीचे में समय बिताते हैं वे कम तनाव महसूस करते हैं और अधिक शारीरिक गतिविधि करते हैं। अनुसंधान में खुलासा हुआ है कि ऐसे लोग अधिक फल और सब्जिया खाते हैं। परंतु सभी के लिए बगीचे तक जाना संभव नहीं हैं। मुद्रास्फीति के कारण आय घट रही है, बगीचे के साथ मकान खरीदना पहले से कहीं अधिक कठिन हुआ है खासतौर पर युवा लोगों के लिए और किराए पर रहने वालों के लिए यह हमेशा संभव नहीं हो सकता कि घर के बाहर बागवानी के लिए स्थान हो।
इंग्लैंड में 2021 से कराए गए सव्रेक्षण में खुलासा हुआ कि 65 साल से अधिक उम्र के लोगों के मुकाबले 16 से 24 साल की उम्र के लोगों के बारे में दो गुनी संभावना है कि उनकी पहुंच बगीचे तक नहीं हो। ऐसा पाया गया है कि ब्रिटेन में बुजुगरें या अमीर लोगों के मुकाबले युवाओं और कम आय वाले लोगों के लिए बगीचे तक पहुंच मुश्किल हुआ है।
परंतु बगीचे तक पहुंच नहीं होने से निराश होने की जरूरत नहीं है। ऐसे तमाम तरीके है। जिनके जरिये आप अपने घर के आसपास ही बगीचे में जाए बिना प्रकृति का लाभ उठा सकते हैं। अनुसंधान के मुताबिक तीन रास्ते हैं जिनसे आप अपने जीवन में प्रकृति को आत्मसात कर सकते हैं।
घर में ही लगाएं कुछ पौधे : घर में ही पौधों को लगाना प्रकृति को अपने घर में लाने का सबसे बेहतर तरीका है, खासतौर पर अगर बाहर जगह नहीं हो। प्रकृति के अन्य स्वरूपों की तरह ही घर के भीतर लगाए जाने वाले पौधे रक्तचाप को कम करने और तनाव कम करने में सहायक होते हैं। घर में पौधे लगाने से स्थान और अधिक आकषर्क बनता है और यह वह स्थान होता है जहां पर आप अधिक समय व्यतीत करना चाहते हैं। एक अध्ययन में सामने आया कि विद्यार्थी उन कमरों में पढ़ाई को तरजीह देते हैं जहां पर गमले में पौधे लगे होते हैं बजाय ऐसे कमरों में जहां हरियाली नहीं होती। कई लोग घर में लगे पौधों की देखभाल को महत्व देते हैं फिर चाहे उनमें पानी डालना हो, खाद डालना हो या फिर उनकी छंटाई करनी हो।
घर के भीतर लगे पौधे तब भी मददगार साबित होते हैं जब आपको अधिक समय घर के भीतर ही बिताना हो। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान चीन के शंघाई में घरों में लगे पौधों ने लोगों में अकेलेपन के भाव और अवसाद के लक्षणों में कमी लाने में मदद की। अगर आप लंबा समय घर में काम करने या पढ़ने में बिताते हैं तो मकान में लगे पौधे आपकी कार्य क्षमता को बेहतर बनाते हैं। कार्यालय में भी जिन कर्मचारियों के आसपास पौधे लगे होते हैं उनके बारे में पाया गया कि जरूरत पड़ने पर वे बेहतर प्रदर्शन करते हैं। नाव्रे के कार्यालयों में कार्य करने वाले कर्मचारियों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि कमरे में पौधे होने पर कर्मचारियों की उत्पादकता बढ़ती है और चिकित्सा अवकाश की संख्या कम होती है। घरों में कौन से पौधे लगाए जाएं यह चुनाव करना मुश्किल होता है लेकिन कई ऑनलाइन गाइड हैं जो आपको सही पौधे चुनने में मदद करेंगी।

उद्यान में जाएं :प्रकृति की मौजूदगी जैसे पौधे, वृक्ष, प्राकृतिक ध्वनियां यथा चिड़ियों की चहचहाट और बहते पानी की कलकल आदि वह सब चीजें हैं जो हमे उद्यान के बेहतर होने का अहसास कराती हैं। अनुसंधान से खुलासा हुआ कि प्रकृति के संपर्क में रहने से तनाव और अवसाद कम हो सकता है, कार्य और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार हो सकता है और आरोग्यता बढ़ती है जिससे अंतत: लंबी जिंदगी जीने में मदद मिलती है। बगीचे एकमात्र ऐसा स्थान नहीं हैं जहां प्रकृति की यह खुराक मिलती है बल्कि प्रकृति के ये लाभ कई शहरी उद्यान और यहां तक छोटे पार्क भी प्रदान करते हैं।
ये पार्क निर्मल स्थान से कहीं अधिक महत्वपूर्ण स्थान हैं। ये वह स्थान पर हैं जहां पर मित्र और परिवार के सदस्य मिलते हैं खासतौर पर उन उद्यानों में जहां पर मेज और टेबल आदि की व्यवस्था हो। इस तरह के सामाजिक संबंध स्थापित करने के कई और स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
कई लोगों के घर के पास ही उद्यान है। आम तौर पर सभी लोगों के घरों से महज पांच दस मिनट की पैदल दूरी पर सार्वजनिक पार्क है जबकि 72 प्रतिशत लोगों के 15 मिनट की पैदल दूरी पर सार्वजनिक पार्क हैं। हालांकि, असमानता यहां भी है। अमीर इलाकों में बने शहरी उद्यानों की गुणवत्ता सामाजिक आर्थिक आबादी के इलाकों में बने उद्यानों के मुकाबले कहीं बेहतर है।


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