
धनबाद। 108 एंबुलेंस के खराब होने पर गर्भवती महिला की जान जाने पर धनबाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। चिकित्सकीय सेवा के लिए चलाई जा रही 108 एम्बुलेंस की लचर व्यवस्था से खुद मरीजों की जान जा रही है।

सिविल सर्जन अपने स्तर से मामले की जांच कर रहे हैं। धनबाद में 108 एम्बुलेंस की संख्या 38 है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि कबाड़ एंबुलेंस से ही मरीजों की सेवा दी जा रही है। धनबाद में 25 पुराने 108 एंबुलेंस हैं। इसमें से 10 एम्बुलेंस पूरी तरह से कबाड़ हो गए हैं।
बाकी एंबुलेंस कई तकनीकी कारणों की वजह से ठीक से काम नहीं कर पा रहा। वहीं, रांची मुख्यालय की ओर से पिछले महीने अगस्त में 108 नं के 9 एंबुलेंस धनबाद भेजे गए हैं। लेकिन इन एंबुलेंस के लिए विशेषज्ञ टेक्नीशियन चालक और नर्स की बहाली अभी तक नहीं हुई है। इसके बावजूद नई एंबुलेंस को भी चलाया जाने लगा है।
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल से गर्भवती 20 वर्षीय शांति देवी की मौत 108 एंबुलेंस से ले जाने के कारण महुदा में हो गई थी। महुदा में एंबुलेंस खराब हो गया था। लगभग 2 घंटे तक एंबुलेंस बनाया नहीं जा सका और मरीज की जान चली गई।
108 एंबुलेंस के मैनेजर संजय कुमार दशौंधी ने अपनी सफाई में बताया कि मरीज के लिए नया एंबुलेंस भेजा गया था। लेकिन उसमें कुछ खामियां आ गई। सूचना पर दूसरे एंबुलेंस को वहां भेजा गया, लेकिन बैंक मोड़ सहित अन्य जगहों पर काफी जाम मिला। तय स्थान पर जाने में दूसरे एंबुलेंस को देरी हो गई।
नये एंबुलेंस के लिए 20 से ज्यादा चालक और कर्मचारियों की कमी
धनबाद में नये एंबुलेंस के लिए मैनपावर की बहाली नहीं हो पाई है। लगभग 20 चालक, इमरजेंसी तकनीशियन और नर्स की कमी है। विभाग के अधिकारियों की मानें तो इसके लिए मुख्यालय और जिला स्तर से भी बहाली की प्रक्रिया की जा रही है। दूसरी ओर, ऐसे में बिना मैन पावर के एंबुलेंस को चलाना मरीजों के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
