crossorigin="anonymous"> सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई - Sanchar Times

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार हरकत में आई

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र सरकार ने हाई कोटरे में न्यायाधीशों के लगभग सभी मामले कॉलेजियम के पास भेज दिए हैं। पिछले तीन माह से अधिक समय से पेंडिंग मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की फाइल भी क्लीयर कर दी गई है। ट्रांसफर के कुछ मामलों पर भी केंद्र ने अमल किया है।
केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह मणिपुर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जल्द जारी करेगा। सुप्रीम कोर्ट दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसमें से एक में आरोप लगाया गया है कि न्यायाधीशों के तबादले और नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की ओर से अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में केंद्र सरकार अनावश्यक विलंब कर रही है। जस्टिस संजय किशन कौल और सुधांशु धूलिया की बेंच को बताया गया कि हाई कोर्ट के 14 न्यायाधीशों के तबादले से संबंधित फाइलों को मंजूरी दे दी गई है जबकि 12 न्यायाधीशों से संबंधित फाइल प्रक्रियाधीन है। चीफ जस्टिस धनंजय चंद्रचूड की अध्यक्षता वाले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पांच जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल को मणिपुर हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त करने की अनुशंसा की थी। अदालत इस मामले पर अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को करेगी।
अदालत ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि बड़ी संख्या में हाई कोटरे की संस्तुतियों को, जो अब तक कानून मंत्रालय के पास लंबित थीं और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को नहीं भेजी गई थीं, आखिरकार भेज दी गई हैं। अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अब हाई कोटरे द्वारा की गई अनुशंसाओं पर अपने साथी न्यायाधीशों के विचार जानेगा और प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां तक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति का सवाल है, जो काफी समय से लंबित है, वह भी एक संवेदनशील राज्य के लिए, यह बताया गया है कि फाइल को मंजूरी दे दी गई है और जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। जस्टिस कौल ने कहा कि अगली तारीख पर मैं इसे पूरा करना चाहता हूं। मैं बहुत बहुत विनम्र हूं, मुझे विनम्र रहने दीजिए। बेंच ने कहा कि पिछले हफ्ते तक 80 अनुशंसाएं लंबित थीं जब 10 नामों को मंजूरी दी गई थी। अब भी यह आंकड़ा 70 है। इनमें से 26 संस्तुतियां न्यायाधीशों के तबादले से संबंधित हैं। अदालत ने कहा कि ये अनुशंसाएं पिछले साल नवम्बर से लंबित हैं। इस पर अटॉर्नी जनरल ने केंद्र सरकार से निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। सुप्रीम कोर्ट अदालत जिन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है उनमें से एक को अधिवक्ता संघ बेंगलुरू ने दायर किया है और इसमें केंद्रीय कानून मंत्रालय के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने की मांग की गई है क्योंकि इसने कथित रूप से उस समय सीमा का पालन नहीं किया जिसका निर्धारण वर्ष 2021 के अदालत के फैसले में किया गया है। कॉमन कॉज ने भी इस मामले में याचिका दायर की है।


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