आर्थिक बदहाली को लेकर चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत के रुख को दोहराया कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर (पीओके) भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने पीओके में स्थिति की जटिलता पर प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि निवासी अपनी स्थितियों की तुलना जम्मू और कश्मीर से कर सकते हैं, जहां प्रगति स्पष्ट है। जयशंकर ने पीओके में कब्जे और भेदभाव की भावना पर जोर दिया। जब उनसे पीओके के भारत में विलय के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हमेशा से भारत का हिस्सा था और इस मामले पर ऐतिहासिक प्रस्तावों पर चर्चा की। उनकी टिप्पणी पीओके में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच आई है, जहां प्रदर्शनकारी बिजली की कम कीमतों की मांग कर रहे हैं।
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पीओके की जनता तो पुलिस को भगा ही चुकी है। सेना के साथ भी ऐसा कुछ नजारा देखने को मिल सकता है। ऐसा लग रहा है मानो बरसों का अत्याचार सहने वाली पीओके की जनता अब अंतिम लड़ाई के मूड में आ गयी है। पाकिस्तान की हुकूमत पीओके के साथ जैसा दोयम दर्जे का व्यवहार करती आई है अब पीओके उसे बर्दास्त नहीं करने वाला।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घोषणा करते हुए कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान घाटे में चल रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस सहित सभी सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) का निजीकरण करेगा। केवल घाटे में चल रही राज्य कंपनियों को निजी बनाने के लिए सरकार की प्रारंभिक योजनाओं का विस्तार किया गया। रणनीतिक उद्यमों को छोड़कर राज्य संचालित उद्यमों के निजीकरण की घोषणा पाकिस्तान द्वारा नई दीर्घकालिक विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ बातचीत शुरू करने के एक दिन बाद आई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, शरीफ ने घाटे में चल रहे राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों (एसओई) के निजीकरण प्रक्रिया पर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की।