सीरिया में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद अगर किसी देश को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वह इजरायल है। इजरायली कमांडो सीरिया के सबसे ऊंचे पहाड़ माउंट हैरमॉन पर चढ़ गए, और इसके बाद जो हुआ वह बहुत चौंकाने वाला था। गाजा और लेबनान को निपटाने के बाद, इजरायल की सेना 50 साल बाद सीरिया में घुस गई है। इजरायली वायु सेना के खतरनाक कमांडो ने सीरिया के माउंट हैरमॉन पर कब्जा कर लिया, जो सीरिया की सीमा के लगभग 10 किलोमीटर अंदर स्थित है। माउंट हैरमॉन, सीरिया और लेबनान की सीमा पर स्थित है और इसकी रणनीतिक स्थिति इजरायल के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
अब खबरें आ रही हैं कि इजरायल ने बशर अल-असद शासन के पतन के बाद सीरिया में सैन्य संपत्तियों को ध्वस्त करने के अपने प्रयासों के तहत सीरिया के नौसैनिक बेड़े पर भी हमले किए हैं। इजरायल रक्षा बल (IDF) ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि इजरायली जहाजों ने सोमवार रात को अल-बायदा और लताकिया बंदरगाहों पर हमला किया, जहां 15 जहाज खड़े थे। इसके अलावा, इजरायली युद्धक विमानों ने पूरे सीरिया में 350 से अधिक हवाई हमले किए।
इसके साथ ही, इजरायली सेना ने जमीनी बलों को सीरिया और कब्जे वाले गोलान हाइट्स के बीच स्थित विसैन्यीकृत बफर जोन में भी स्थानांतरित किया। दमिश्क में एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने उपनगरों में भारी हवाई हमलों की आवाज सुनी। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में नष्ट हुए मिसाइल लांचर, हेलीकॉप्टर और युद्धक विमान दिखाई दे रहे हैं।
इजरायल ने यह भी कहा कि वह संदिग्ध रासायनिक हथियारों के स्थलों और भारी हथियारों पर हमले कर रहा है ताकि वे चरमपंथियों के हाथों में न पड़ें। हालांकि, इजरायल आमतौर पर इस तरह के हमलों को स्वीकार नहीं करता है। इजरायल का अपने पड़ोसियों के साथ युद्ध के दौरान क्षेत्र पर कब्जा करने और सुरक्षा चिंताओं के कारण अनिश्चितकाल तक उस पर कब्जा बनाए रखने का एक लंबा इतिहास रहा है।