बदायूं के एक उप जिलाधिकारी सदर (एसडीएम) द्वारा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम पर समन जारी कर उन्हें अदालत में पेश होने का आदेश देने का मामला सामने आया है।
बदायूं के जिलाधिकारी (डीएम) मनोज कुमार ने शुक्रवार को बताया कि राज्यपाल के सचिवालय का एक पत्र उनके कार्यालय में प्राप्त हुआ, जिसमें कहा गया था कि एसडीएम सदर (न्यायिक) विनीत कुमार की अदालत से सीआरपीसी की धारा 144 के तहत राज्यपाल को समन जारी किया गया था। राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने 16 अक्टूबर को भेजे गये पत्र में जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर दिलाया था कि राज्यपाल को समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता और यह भी कहा कि संबंधित अधिकारी को बताया जाए कि यह धारा 361 का उल्लंघन है ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
डीएम ने बताया कि सदर तहसील के एसडीएम विनीत कुमार को राज्यपाल कार्यालय (राजभवन) के पत्र और चेतावनी से अवगत करा दिया गया है। मामले की जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सदर तहसील के लोड़ा बहेड़ी गांव के चंद्रहास ने जमीन से जुड़े एक मामले में एक व्यक्ति और राज्यपाल को पक्षकार बनाते हुए सदर तहसील के एसडीएम की अदालत में याचिका दायर की थी।
चंद्रहास ने आरोप लगाया कि उसकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति उनके एक रिश्तेदार ने अपने नाम दर्ज करा ली। इसके बाद में उसे लेखराज के नाम बेच दिया। कुछ दिन बाद बदायूं बाईपास स्थित ग्राम बहेड़ी के समीप उक्त जमीन के कुछ हिस्से का शासन द्वारा अधिग्रहण किया गया था। उस संपत्ति का अधिग्रहण होने के बाद लेखराज को शासन से करीब 12 लाख रुपये की धनराशि मुआवजे के रूप में मिली, जिसकी जानकारी होने के बाद कटोरी देवी के भतीजे चंद्रहास ने सदर तहसील के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर की। इस याचिका पर एसडीएम (न्यायिक) विनीत कुमार की अदालत से सात अक्टूबर को राज्य संहिता की धारा 144 के तहत जमीन खरीदने वाले व्यक्ति और राज्य के राज्यपाल के नाम पर 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था।