सिलक्यारा सुरंग के एक हिस्से के ढहने के आठवें दिन रविवार को उसमें फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की कवायद में तेजी आई है। बीआरओ सुरंग के ऊपर से ‘लंबवत ड्रिलिंग’ शुरू करने के लिए रास्ता बनाने में जुटा है।
‘लंबवत ड्रिलिंग’ के विकल्प पर शनिवार शाम से काम शुरू किया गया। मौके पर मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा रास्ता दोपहर तक तैयार हो जाएगा जिससे सुरंग के ऊपर चिह्नित ¨बदु तक मशीनें पहुंचाने के बाद ‘लंबवत ड्रिलिंग‘ शुरू की जा सके। मौके पर पहुंचे प्रधानमंत्री कार्यालय के कई अधिकारी और देश-विदेश के विशेषज्ञ फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाले जाने के लिए चलाए जा रहे बचाव कायरें की निगरानी के लिए सिलक्यारा में डटे हुए हैं। शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सहित वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने पांच योजनाओं पर एक साथ काम करने का निर्णय लिया था। खुल्बे ने संवाददाताओं को बताया कि इन पांच योजनाओं में सुरंग के सिलक्यारा और बड़कोट, दोनों छोरों से ड्रिलिंग करने के अलावा सुरंग के ऊपर से लंबवत ड्रिलिंग और सुरंग के बाए और दाएं से ड्रिलिंग करना शामिल है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था और तब से 41 श्रमिक उसके अंदर फंसे हुए हैं। खुल्बे ने कहा कि ठोस प्रयासों से चार-पांच दिन में या उससे भी पहले अच्छे परिणाम मिल सकते हैं । राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड, तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, सतलुज जल विद्युत निगम, टीएचडीसी इंडिया और रेल विकास निगम लिमिटेड में से प्रत्येक को एक-एक विकल्प पर काम करने का जिम्मा सौंपा गया है।