
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को डूसू जॉइंट सेक्रेटरी दीपिका ने जड़े थे थप्पड़
नई दिल्ली : संचार टाइम्स.न्यूज़

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों के बीच गहरा आक्रोश फैल गया है। यह नाराज़गी 16 अक्टूबर को डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज में हुई उस घटना के बाद सामने आई है, जिसमें कॉलेज की वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. सुजीत कुमार पर सहकर्मी दीपिका झा ने कथित रूप से हमला किया। इस घटना ने न केवल कॉलेज परिसर बल्कि पूरे विश्वविद्यालय के शिक्षण समुदाय को झकझोर कर रख दिया है।

डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज का शिक्षक समुदाय पिछले कई दिनों से कॉलेज परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहा है।
कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. वी.एस. नेगी और सचिव प्रो. धर्मेंद्र तीर्थंकर ने कहा कि जब तक दीपिका झा का निष्कासन नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि यह मामला केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की शिक्षक सुरक्षा और गरिमा से जुड़ा मुद्दा है।

35 कॉलेज शिक्षकों के संगठन ने की कड़ी निंदा
इस घटना की कड़ी भर्त्सना करते हुए लगभग 35 कॉलेज शिक्षक संघों ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया है। सभी संगठनों ने इसे “शिक्षा जगत पर कलंक” करार देते हुए दोषी के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
धरना-प्रदर्शन और विरोध की लहर

डॉ. भीमराव अंबेडकर कॉलेज का शिक्षक समुदाय पिछले कई दिनों से कॉलेज प्रांगण में धरना-प्रदर्शन कर रहा है। प्रदर्शनकारियों में कॉलेज के अध्यापक संघ के अध्यक्ष प्रो. वी.एस. नेगी और सचिव प्रो. धर्मेंद्र तीर्थंकर शामिल हैं। दोनों ने मिलकर दीपिका झा के निष्कासन की मांग की है और कहा है कि जब तक कार्रवाई नहीं की जाती, आंदोलन जारी रहेगा।
वरिष्ठ शिक्षकों ने की सख्त कार्रवाई की मांग
दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों- प्रो. राजीव रे (पूर्व अध्यक्ष, DUTA), प्रो. सुनील कुमार सिंह (सदस्य, DU कार्यकारी परिषद), प्रो. टी.एन. ओझा (सदस्य, DU अकादमिक परिषद), प्रो. संजय कुमार (DUTA सह सचिव), प्रो. राजेश झा, प्रो. आभा देव हबीब, प्रो. अश्विनी शंकर, प्रो. वी.एस. दीक्षित, और प्रो. रुद्रांशु कुमार ने संयुक्त रूप से वक्तव्य जारी किया। इन सभी शिक्षकों ने कहा कि यह “अपराधीय आचरण” विश्वविद्यालय की गरिमा के खिलाफ है और इसके दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
शिक्षण माहौल को सुरक्षित करने की अपील
शिक्षक नेताओं ने प्रशासन से गुहार लगाई कि विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षण-अध्ययन का माहौल सुरक्षित और सम्मानजनक बनाया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
DUTA प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात और प्रशासन की निष्क्रियता
इस बीच DUTA (Delhi University Teachers’ Association) का प्रतिनिधिमंडल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. बलराम पांडे से मिला और फ्लैग प्रोटेस्ट भी किया।
हालाँकि, शिक्षकों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने केवल एक जाँच समिति का गठन कर मामले से पल्ला झाड़ लिया है, जिससे शिक्षकों में असंतोष और बढ़ गया है।
न्याय की मांग के साथ बढ़ता दबाव
घटना को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय का शिक्षक समुदाय अब एकजुट होकर कार्रवाई की मांग कर रहा है। सभी का कहना है कि यदि दोषी को सजा नहीं मिली तो यह विश्वविद्यालय के अनुशासन और शिक्षण संस्कृति पर गंभीर प्रश्नचिह्न छोड़ देगा।


 
								 
			 
			 
			