
ST.News Desk : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से एक चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक नवविवाहिता ने अपने पति, ससुर और ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। खोराबार थाना क्षेत्र में दर्ज एफआईआर में पीड़िता ने पति को शारीरिक रूप से अक्षम बताते हुए धोखा देने, ससुर पर छेड़छाड़, और पूरे परिवार द्वारा मारपीट व धमकाने का दावा किया है।

क्या है मामला?
संतकबीर नगर निवासी पीड़िता की शादी 18 जनवरी 2024 को खोराबार क्षेत्र के युवक से हुई थी, जो बेंगलुरु की एक आईटी कंपनी में इंजीनियर हैं। पीड़िता के अनुसार, शादी के तुरंत बाद सुहागरात को ही पति ने बताया कि वह शारीरिक रूप से अक्षम हैं और इलाज चल रहा है।
कुछ दिनों तक पत्नी ने भरोसा बनाए रखा, लेकिन जब कोई सुधार नहीं हुआ तो शक गहराता गया। इस बीच, एक दिन जब वह अकेली थी, तो उसके ससुर ने कमरे में घुसकर छेड़छाड़ की और लालच भी दिया। विरोध करने पर धमकी दी गई और मारपीट की गई। जब पीड़िता ने सास से शिकायत की तो उन्हें ‘चुप रहने’ की सलाह मिली।
दहेज और धमकी का आरोप : नवविवाहिता का दावा है कि शादी में उसके पिता ने 1 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें 40 लाख रुपये नकद, ज्वेलरी और घरेलू सामान शामिल थे। यह पैसा उनके पिता ने खेत बेचकर दिया था।
20 जुलाई को हुए विवाद के बाद पीड़िता ने खोराबार थाने में एफआईआर दर्ज कराई। उसका आरोप है कि ससुराल वाले केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि अगर शिकायत नहीं हटाई गई तो उसके प्राइवेट फोटो और वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे।
ससुर का पलटवार : उधर, ससुर ने भी नवविवाहिता और उसके मायकेवालों पर पलटवार करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। उनका कहना है कि बहू उनके बेटे को “नपुंसक” कहकर मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है और लगातार पैसों की मांग कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि बहू की मां ने भी पैसे मांगे, और 20 जुलाई को बहू मायकेवालों के साथ जबरन घर में घुस आई। उनका कहना है कि अब पूरा परिवार मानसिक तनाव में है और बहू उन्हें बदनाम करने की साजिश रच रही है।
पुलिस जांच में जुटी : खोराबार थाना प्रभारी इत्यानंद पांडेय ने बताया कि दोनों पक्षों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एक पक्ष को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। मेडिकल और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न सिर्फ पारिवारिक तनाव और विवाह में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे व्यक्तिगत आरोप सार्वजनिक कानूनी लड़ाई में तब्दील हो सकते हैं। अब देखना यह है कि जांच के बाद सच सामने आता है या मामला और उलझता है।
