नई दिल्ली। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लगाए जाने का स्वागत किया है। मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहिद सईद ने कहा कि दुनिया के अनेकों देशों में सीएए कानून बहुत पहले से लागू है और यह देश की तरक्की, अमन और हिफाजत के लिए जरूरी कदम है। उन्होंने कहा कि रमजान के पाक व मोकद्दस महीने में सरकार ने साधुवाद भरा कदम उठाया है। यह कानून नागरिकता देने का कानून है, किसी की नागरिकता लेने का नहीं है। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार की अध्यक्षता में 6 जून से 10 जून तक भोपाल में हुए चार दिवसीय कार्यशाला में मंच ने 11 मुद्दों पर ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित किया था, जिनमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी- यूनिफॉर्म सिविल कोड) और नागरिक संशोधन कानून (CAA – सिटिजनशिप अमेंडमेंड एक्ट) भी शामिल था।
देश के अनेकों संवेदनशील मामलों में मंच का क्या रुख है और संविधान और इस्लाम के दायरे में रहते हुए भारतीय मुसलमानों का क्या रोल को यह सब मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की पुस्तक भारतीय मुसलमान : एकता का आधार हुब्बुल वतनी (राष्ट्रीयता) में विस्तार से बताया गया है। यह सभी कुछ भारतीय मुस्लिम विद्वानों द्वारा मुस्लिम समाज के मार्गदर्शन के लिए किया गया है। इस किताब को रिफ्रेंस एंड रिसर्च गाइड के रूप में जाना जाएगा। किताब के संपादक और मंच के राष्ट्रीय संयोजक शाहिद अख्तर ने बताया कि भारतीय मुसलमानों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं वो सब इस किताब के जरिए समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह किताब एक ऐसे ग्रंथ की तरह है जो भारतीय मुसलमान को जीने का सही रास्ता बताती है। संविधान, दीन और इस्लाम की दिखाई रोशनी में भारतीय मुसलमानों की कैसी सोच होनी चाहिए, साथ ही देशवासियों की कैसी सोच होनी चाहिए इस पुस्तक की विशेषता है। किताब यह संदेश देती है कि देश के संदर्भ में राष्ट्रीयता और विश्व के संदर्भ में मानवता सर्वोपरि है।